शाम के समय इस दौरान होती है गोधूलि बेला, न करें ये काम, आती है दरिद्रता

शास्त्रों के अनुसार दिन का हर समय किसी न किसी तरह महत्वपूर्ण होता है। शाम के समय गोधूलि बेला का महत्व अत्याधिक बताया गया है। इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:11 AM (IST)
शाम के समय इस दौरान होती है गोधूलि बेला, न करें ये काम, आती है दरिद्रता
शाम के समय इस दौरान होती है गोधूलि बेला, न करें ये काम, आती है दरिद्रता

शास्त्रों के अनुसार, दिन का हर समय किसी न किसी तरह महत्वपूर्ण होता है। किस समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। जिस तरह ब्रह्ममुहूर्त के कुछ नियम हैं उसी तरह शाम के समय यानी कुबेर के समय के भी कुछ नियम हैं। शाम के समय गोधूलि बेला का महत्व अत्याधिक बताया गया है। इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं। लेकिन सबसे पहले यह जानते हैं कि गोधूलि बेला क्या होती है।

जानें क्या होती है गोधूलि बेला?

शास्त्रों के अनुसार, यह समय बेहद शुभ माना गया है। इस समय किए जाने वाले कार्य बेहद शुभ फल देते हैं। यह वह समय होता है कि जब सूर्य ढल रहा होता है। यह शाम के 5 से 7 बजे का समय माना गया है। कहा जाता है कि जब शाम के समय गाय चारा चरने के बाद घर वापस आती है तो उनके चरणों से जो धूल उड़ती है उससे सूर्य की लाली ढक जाती है। इसी को गोधूलि कहा जाता है।

गोधूलि बेला में न करें ये कार्य:

1. इस समय अगर कोई पैसे मांगने आए तो उन्हें भूलकर भी उधार नहीं देना चाहिए। इससे लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और फिर अलक्ष्‍मी यानी दरिद्रता घर में पैर पसारने लगती है। ऐसे में शाम के समय किसी को भी उधार न दें।

2. इस समय किसी को मांगने पर दूध या दही नहीं देना चाहिए। अगर कोई ये मांगने आता है तो उसे मना कर देना चाहिए। इससे मां लक्ष्‍मी और उनका भाई माने जाने वाले चंद्रदेव रुष्ट हो जाते हैं। इससे आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है।

3. शाम के समय तुलसी को नहीं छूना चाहिए। साथ ही जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। इस समय तुलसी जी के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए। अगर ऐसा न किया जाए तो व्यक्ति के घर से सकारात्मक ऊर्जा चली जाती है और दुर्भाग्य प्रवेश करता है।

4. जब सूर्य ढल रहा हो तो बच्चे को पढ़ाई नहीं करानी चाहिए। इससे छात्रों की बुद्धि का क्षय होता है। सात ही मां सरस्वती बच्चों से दूर चली जाती हैं। इस समय अगर बच्चे मंत्रों और श्लोकों का जाप करें तो उनमें अच्छे संस्कार आते हैं।

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