Dussehra 2020: जानें विजयदशमी पर रावण दहन का सर्वश्रेष्ठ समय
शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को किया जाएगा। महाष्टमी को मां महागौरी और महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जिन घरों में महाष्टमी और महानवमी की पूजा होती है
शारदीय नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा, महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को किया जाएगा। महाष्टमी को मां महागौरी और महानवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जिन घरों में महाष्टमी और महानवमी की पूजा होती है, वहां इस दिन कन्याओं को भोजन करवाया जाता है और उन्हें गिफ्ट बांटे जाते हैं। इस बार कोरोना की बाध्यताओं का खयाल रखते हुए अष्टमी और नवमी पर प्रसादी करें। बेहतर हो खाने के पैकेट गरीब कंजकाओं तक पहुंचाएं।
दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। विजयादशमी पर्व अश्विन महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को अपराह्न काल में मनाया जाता है। इस काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से बारहवें मुहूर्त तक होतीहै। इस साल आश्विन महीने के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि रविवार 25 अक्टूबर को सुबह करीब 11:14 तक है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस तिथि में विजय मुहूर्त भी रहेगा।
विजयादशमी पर ग्रहों की स्थिति:
विजयादशमी पर चंद्रमा शाम 4 बजकर 57 मिनट तक मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर करेगा। इसके अलावा सूर्य तुला राशि में, शुक्र कन्या राशि में, गुरू स्वराशि धनु में, शनि स्वराशि मकर में, बुध अपनी मित्र राशि तुला में वक्री रहेंगे। इसके अलावा मंगल अपनी मित्र राशि मीन में वक्री, केतु वृश्चिक राशि और राहु वृषभ राशि में रहेंगे।
रावण दहन शुभ मुहूर्त:
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11: 43 मिनट से दोपहर 12 : 30 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2 : 05 मिनट से दोपहर 2 : 52 मिनट तक।
अमृत काल मुहूर्त- शाम 6 : 44 मिनट से रात 8 : 27 मिनट तक।
दशहरा का शुभ मुहूर्त:
विजय दशमी:
दशमी तिथि प्रारंभ- 25 अक्टूबर को सुबह 7 : 41 मिनट से
दशमी तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर को सुबह 8 : 59 मिनट तक रहेगी
विजय मुहूर्त:
दोपहर 2:05 मिनट से 2:52 मिनट तक
पूजा का समय:
दोपहर 01:11 मिनट से 03 :24 मिनट तक