Vasant Purnima 2021: वसंत पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा और क्या है इस दिन की पौराणिक कथा

Vasant Purnima 2021 आज वसंत पूर्णिमा है और आज के दिन लोग भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और अन्य देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते हैं। साथ ही वसंत पूर्णिमा के व्रत का पालन करते हुए इस दिन की कथा को पढ़ते व सुनते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 08:30 AM (IST)
Vasant Purnima 2021: वसंत पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा और क्या है इस दिन की पौराणिक कथा
Vasant Purnima 2021: वसंत पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा और क्या है इस दिन की पौराणिक कथा

Vasant Purnima 2021: आज वसंत पूर्णिमा है और आज के दिन लोग भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और अन्य देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते हैं। साथ ही वसंत पूर्णिमा के व्रत का पालन करते हुए इस दिन की कथा को पढ़ते व सुनते हैं। तो आइए जानते हैं इस दिन कैसे की जाती है पूजा और क्या है इस दिन की कथा।

वसंत पूर्णिमा की कथा:

पौराणिक कथाओं के अनुसार, वसंत पूर्णिमा के ही दिन देवी लक्ष्मी अवतरित हुई थीं। समुद्र मंथन के दौरान कई चीजें सामने आईं जो राक्षसों और देवताओं के बीच एक जैसे अनुपात में वितरित की गईं। वसंत पूर्णिमा के दिन, देवी लक्ष्मी समुद्र से बाहर आईं और उन्होंने अपना गुरु भगवान विष्णु को चुना। ऐसे में इस दिन सत्यनारायण कथा, लक्ष्मी पूजा कथा करनी चाहिए। यह दिन विष्णु जी, लक्ष्मी जी और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ होता है।

वसंत पूर्णिमा के दिन ऐसे करें पूजा:

इस दिन लोगों को ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। फिर स्नानादि कर मंदिर स्थल पर जाकर पूजा की तैयारी करें। स्थान साफ कर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की मूर्ति लगाएं। आप तस्वीर का उपयोग भी कर सकते हैं। फइर देवताओं को फूल, सिंदूर, हल्दी पाउडर और चंदन का लेप लगाएं और उन्हें सजाएं। फिर उन्हें मिठाई, फल, मेवे, सुपारी, और अलग-अलग तरह की पूजा सामग्री लें। इसके बाद वेदी जो मां लक्ष्मी का प्रतीक है, उस पर कुछ सिक्के रख दें। इस दिन पूरा दिन व्रत करना चाहिए और फिर शाम या रात में चंद्रमा भगवान को देखने के बाद ही व्रत करना चाहिए। चंद्रमा उदय के बाद व्रत पूरा होते ही एक बार फिर से पूजा करनी चाहिए। इस दिन सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए। साथ ही सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए। व्रती को पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी के मंत्रों और नारों का जाप करना चाहिए।

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