Kalashtami Sawan 2021: आज है सावन माह की कालाष्टमी का पर्व, जानिए पूजा का मुहूर्त और महत्व

Kalashtami Sawan 2021 सावन माह की कालाष्टमी का पर्व आज 31 जुलाई को मनाया जाएगा। सावन की कालाष्टमी के व्रत का महत्व और बढ़ जाता है। क्योकि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव का पूजन और व्रत रखा जाता है।

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:45 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:45 AM (IST)
Kalashtami Sawan 2021: आज है सावन माह की कालाष्टमी का पर्व, जानिए पूजा का मुहूर्त और महत्व
आज है सावन माह की कालाष्टमी का पर्व, जानिए पूजा का मुहूर्त और महत्व

Kalashtami Sawan 2021: सावन माह की कालाष्टमी का पर्व आज, 31 जुलाई को मनाया जाएगा। हिंदी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कलाष्टमी के रूप में मनाते हैं। सावन की कालाष्टमी के व्रत का महत्व और बढ़ जाता है। क्योकि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव का पूजन और व्रत रखा जाता है। इसी कारण कालाष्टमी को भैरवाष्टमी भी कहते हैं। शंकर जी के भैरव अवतार का पूजन करने से व्यक्ति निडर और अभय हो जाता है। उसे मृत्यु भय भी नहीं रहता। इस दिन विधि-विधान से काल भैरव का पूजन और व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

कालाष्टमी की तिथि और पूजा मुहूर्त

हिंदी पंचाग के अनुसार सावन माह की कालाष्टमी तिथि आज 31 जुलाई, दिन शनिवार को है। अष्टमी की तिथि सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू हो कर कल सुबह 7 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। सावन की कालाष्टमी होने के कारण इसका महत्व और बढ़ जाता है। हालांकि सबसे महत्वपूर्ण कालाष्टमी मार्गशीर्ष महीने की मानी जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन ही भगवान शिव ने काल भैरव का रूप धारण किया था। इस कालाष्टमी को भैरव जयंति के रूप में भी मनाते हैं।

कालाष्टमी की पूजा विधि और महत्व

काल भैरव की पूजा सात्तविक और तामसिक दोनों तरीकों से की जाती है। आज के दिन भैरव की तांत्रिक पूजा की भी विधान है। काल भैरव भगवान शिव का ही रौद्र रूप हैं। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने ब्रह्मा जी के अंहकार रूपी बढ़ते हुए पांचवे सिर का वध करने के लिए भैरव रूप धारण किया था। पुराणों में 52 भैरवों का उल्लेख मिलता है, इनमें से आठ भैरवों की अष्ट भैरव के रूप में पूजा की जाती है। सबसे ज्याद पूजा काल भैरव और बटुक भैरव की जाती है। काल भैरव की सवारी कुत्ता है,इसलिए आज के दिन कुत्ते को भोजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

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