Aarti of Radha ji: राधाकृष्ण की अनन्य कृपा पाने के लिए आज करें राधा जी की ये आरती

Aarti of Radha ji पंचांग के अनुसार आज 14 सितंबर दिन मंगलवार को राधाष्टमी का त्योहार है।इस दिन राधा जी का षोडसोपचार पूजन करने के बाद उनकी आरती गा कर स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से आपका पूजन पूर्ण होता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है....

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 06:55 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 07:32 AM (IST)
Aarti of Radha ji: राधाकृष्ण की अनन्य कृपा पाने के लिए आज करें राधा जी की ये आरती
राधाकृष्ण की अनन्य कृपा पाने के लिए आज करें राधा जी ये आरती

Aarti of Radha ji: भगवान कृष्ण संपूर्ण जगत को मोहते हैं इसलिए ही उन्हें मोहन,मनमोहन या विश्वमोहन भी कहा जाता है। राधा जी ऐसे विश्वमोहन कृष्ण को मोहती हैं। पद्मपुराण में स्वयं श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं जिसके मुख से भी राधा का नाम सुनता हूं,उसके पीछे हो लेता हूं। इसलिए संतों और मुनियों ने भी साक्षात् परब्रह्म स्वरूप श्री कृष्ण को पाने के लिए राधा जी का आसरा लिया। पौराणकि मान्यता है कि राधा जी के पूजन के बिना कृष्ण का पूजन अधूरा है। पंचांग के अनुसार आज 17 सितंबर, दिन मंगलवार को राधाष्टमी का त्योहार है। इस दिन लक्ष्मी स्वरूपा राधा जी के धरती पर प्राकट्य का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन विधि पूर्वक राधाष्टमी का व्रत रखने और पूजन करने से राधाकृष्ण की अनन्य कृपा होती है। राधा जी का षोडसोपचार पूजन करने के बाद उनकी आरती गा कर स्तुति करनी चाहिए। ऐसा करने से आपका पूजन पूर्ण होता है तथा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है....

राधा रानी की आरती

आरती राधा जी की कीजै -2

कृष्ण संग जो करे निवासा, कृष्ण करें जिन पर विश्वासा, आरति वृषभानु लली की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

कृष्ण चन्द्र की करी सहाई, मुंह में आनि रूप दिखाई, उसी शक्ति की आरती कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

नन्द पुत्र से प्रीति बढाई, जमुना तट पर रास रचाई, आरती रास रचाई की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

प्रेम राह जिसने बतलाई, निर्गुण भक्ति नही अपनाई, आरती ! श्री ! जी की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

दुनिया की जो रक्षा करती, भक्तजनों के दुख सब हरती, आरती दु:ख हरणी जी की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

कृष्ण चन्द्र ने प्रेम बढाया, विपिन बीच में रास रचाया, आरती कृष्ण प्रिया की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

दुनिया की जो जननि कहावे, निज पुत्रों की धीर बंधावे, आरती जगत मात की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

निज पुत्रों के काज संवारे, आरती गायक के कष्ट निवारे, आरती विश्वमात की कीजै।।

आरती राधा जी की कीजै -2

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