Saturday of Sawan 2021: शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए, सावन के शनिवार को करें ये उपाय

Saturday of Sawan 2021 जो लोंग शनि की साढ़े साती या ढैय्या से परेशान हैं उन्हें भी सावन के माह में भगवान शिव का ही पूजन करना चाहिए। सावन के शनिवार को भगवान शिव के इन उपायों को को अपनाने से शनि के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 08:15 AM (IST)
Saturday of Sawan 2021: शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए, सावन के शनिवार को करें ये उपाय
शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से बचने के लिए, सावन के शनिवार को करें ये उपाय

Saturday of Sawan 2021: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में भगवान शिव के पूजन का विधान है। जो भी भक्त पूरे मनोयोग से इस माह में शंकर जी का पूजन-अर्चन करता है उसे सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।लेकिन जो लोंग शनि की साढ़े साती या ढैय्या से परेशान हैं उन्हें भी सावन के माह में भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। शनिदेव स्वयं भगवान शिव की आराधना और तपस्या करते हैं। शिव जी ने ही शनिदेव की तपस्या से प्रसन्न हो कर उन्हें देवताओं के दण्डाधिकारी का पद प्रदान किया था। सावन के महीने में प्रत्येक शनिवार को भगवान शिव के इन उपायों को अपनाने से शनि के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। आइए जानते है इसके बारे में....

1-सावन माह के हर शनिवार को तांबे के लोटे में जल और काला तिल डाल कर भगवान शिव का अभिषेक करें। ऐसा करने से शनि की महादशा से मुक्ति मिलती है।

2-सावन के प्रत्येक शनिवार को सरसों के तेल का दिया जाला कर, रुद्राक्ष की माला से शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए।

3-सावन के शनिवार को कच्चे चावल शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऐसा करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।

4-सावन के हर शनिवार भगवान शिव को जल के साथ शहद से भी अभिषेक करें। ऐसा करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

5-सावन के शनिवार के दिन शनिदेव के सामने भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्रों का जाप करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है।

6-सावन के शनिवार को चीटियों को गुड़ खिलाएं व पीपल के पेड़ को जल चढ़ाना चाहिए।

7-सावन के शनिवार को गरीब और जरूरतमंद लोगों को काले कपड़े, काला तिल, छाता, ताला या चप्पल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव की कुदृष्टि से बचा जा सकता है।

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