पितृ पक्ष 2018: श्राद्घ करते हुए इन बातों का रखें खास ख्याल, अवश्य प्रसन्न होंगे पितर

पितृ पक्ष में श्राद्घ करने से पितरों का आर्शिवाद प्राप्त होता है। ये एक विशेष पूजन विधि है जिसमें कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। कौन सी हैं वे बातें जानें पंडित दीपक पांडे से।

By Molly SethEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 09:21 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 09:22 AM (IST)
पितृ पक्ष 2018: श्राद्घ करते हुए इन बातों का रखें खास ख्याल, अवश्य प्रसन्न होंगे पितर
पितृ पक्ष 2018: श्राद्घ करते हुए इन बातों का रखें खास ख्याल, अवश्य प्रसन्न होंगे पितर

15 विशेष बातें 

श्राद्घ पितरों की संतुष्टी आैर प्रसन्नता के लिए किया जाने वाला विशेष पूजन है। इसके दौरान इन 15 बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको उनका आर्शिवाद अवश्य प्राप्त होगा। 

1- सर्वप्रथम याद रखें कि श्राद्घ में शुद्घता का अत्यंत महत्व होता है। इसलिए पूरी तरह स्वयं शुद्घ हों आैर श्राद्घ करने के स्थान को भी पवित्र रखें। 

2- श्राद्घ सदैव दक्षिण मुख बैठ कर आैर जनेउ को दाहिने कंधे से बायें हाथ के नीचे रख कर करें।

3- श्राद्घ में  आठ चीजों दूध, गंगाजल, शहद, टसर के कपड़े, कुतप, काले तिल, दोहित्र, आैर कुश का अत्यंत महत्व होता है।

4- ध्यान रखें श्राद्घ कर्म में बर्तनों के लिए मिटटी के बर्तन जो चाक पर नहीं हाथ से बने हों, लकड़ी के बर्तन, पत्तों के दोने जिसमें केले के पत्ते का प्रयोग ना हुआ हो, का ही इस्तेमाल करें। 

5- श्राद्घ में तुलसी का प्रयोग अनिवार्य है।

6- ब्राह्मण भोज के दौरान श्राद्घ करने वाले को बिलकुल मौन रहना चाहिए। 

7- ब्राह्मण को भोजन के लिए आसन पर बैठाने से पहले उसके हाथ-पांव अवश्य धोयें। 

8- श्राद्घ वाले दिन व्यक्ति को पान खाने, मालिश करवाने, दूसरे के घर भोजन करने आैर दवार्इ खाने से परहेज करना चाहिए आैर उपवास रखना चाहिए। 

9- वहीं भोजन करने वाले ब्राह्मण को भी दो बार खाना, यात्रा, बोझ उठाने, शारीरिक श्रम आैर होम आदि नहीं करना चाहिए। 

10- श्राद्घ में कस्तूरी, लाल चंदन, गोरोचन का प्रयोग वर्जित होता है। इस दौरान सफेद चंदन आैर गोपीचंदन ही प्रयोग करना चाहिए। 

11- हवन करते समय इस अवधि में खाली घी का प्रयोग ना करके किसी चीज के साथ अर्पित करें। 

12- घर के अलावा यदि बाहर श्राद्घ करना है तो गया, पुष्कर, प्रयाग आैर हरिद्वार आदि तीर्थों में ही करें। 

13- श्राद्घ भूमि का ढाल दक्षिण में होना चाहिए। 

14- गाय, भूमि, तिल, सोना, घी, वस्त्र, धान, गुड़, चांदी आैर नमक ये दस चीजें महादान मानी जाती हैं। श्राद्घ के दौरान इन्हीं में से चाहे एक, दो या दसों का दान करें। 

15- इसी तरह श्राद्घ में सप्त धान्य का प्रयोग भी श्रेष्ठ माना जाता है। ये सप्त धान्य हैं, गेंहू, जौ, धान, तिल, मूंग, सांवा आैर चना। 

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