Shani Amavasya 2021: शनिचरी अमावस्या के दिन भूलकर न करें ये काम
Shani Amavasya 2021 धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन अन्न दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या 4 दिसंबर को है।
Shani Amavasya 2021: सनातन धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा का विशेष महत्व है। धार्मिक ग्रंथों में अमावस्या और पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दिन अन्न दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या 4 दिसंबर को है। इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या शनिवार के दिन है। शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा उपासना करने का विधान है। साथ ही कई कठोर नियमों का दिनभर पालन करना चाहिए। वहीं, जिन जातकों पर साढ़े साती या शादी की ढैया चल रही है। उन्हें शनि मंत्रों का जाप करना चाहिए। आइए जानते हैं कि शनिचरी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए-
1-तामसिक भोजन न करें- धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि शनिचरी अमावस्या के दिन मास-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही किसी जीव को न सताएं। इससे पाप लगता है और मन भी अशांत रहता है।
2- ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें - शास्त्रों में लिखा है कि अमावस्या और पूर्णिमा समेत सभी पूजा पाठ के दिनों में ब्रह्मचर्य नियम का सख्ती से पालन करना चाहिए। लापरवाही बरतने पर संतान पर इसका प्रभाव पड़ता है।
3- गरीबों और असहायों को शनिचरी अमावस्या के दिन बिल्कुल न सताएं। जानकारों की मानें तो शनिचरी अमावस्या के दिन किसी को भी कटु शब्द नहीं कहना चाहिए। किसी का दिल दुखाने से पाप का भागीदार बनना पड़ता है।
4-शनिवार के दिन लोहे से बनी चीजें जैसे कैंची, काले तिल और काली मिर्च आदि चीजें बिल्कुल न खरीदें। साथ ही शनिचरी अमावस्या के दिन शमशान घाट के आस-पास जाने से बचना चाहिए।
5-शनिचरी अमावस्या के दिन आसुरी प्रवृति से बचना चाहिए। इसके लिए सूर्योदय से पहले उठ जाएं और भगवान शिवजी का ध्यान कर दिन की शुरुआत करें।
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