Sawan 2020: सावन में गुरुवार को करें भगवान विष्णु और शिव की पूजा, मिलेगा हरिहर का आशीर्वाद

Sawan 2020 आज गुरुवार के दिन आप भगवान शिव की पूजा के साथ बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी पूजा करें इसका विशेष लाभ होगा।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 08:26 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 08:34 AM (IST)
Sawan 2020: सावन में गुरुवार को करें भगवान विष्णु और शिव की पूजा, मिलेगा हरिहर का आशीर्वाद
Sawan 2020: सावन में गुरुवार को करें भगवान विष्णु और शिव की पूजा, मिलेगा हरिहर का आशीर्वाद

Sawan 2020: आज श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि और गुरुवार दिन है। सावन माह भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस माह का प्रत्येक दिन भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम होता है। सावन के सोमवार को भगवान शिव, मंगलवार को माता गौरी और बुधवार को भगवान श्री गणेश जी की आराधना होती है। आज गुरुवार के दिन आप भगवान शिव की पूजा के साथ बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी पूजा करें, इसका विशेष लाभ होगा।

पूजा विधि

आज के दिन स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद आप पूजा स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति, तस्वीर या शिवलिंग को स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव का गंगाजल या साफ पानी से अभिषेक कराएं। अब भोलेनाथ को फूल, अक्षत्, चंदन, बेलपत्र, भांग, धतूरा, धूप, दीप, गाय का दूध आदि अर्पित करें। गुरुवार का दिन है, ऐसे में उनको बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। माता पार्वती तथा गणेश जी का पूजन करें। शिव चालीसा का पाठ करें तथा शिव जी की आरती करें।

इसके बाद भगवान विष्णु और बृहस्पति देव को अक्षत्, तुलसी दल, पीले फूल, हल्दी, धूप, दीप आदि अर्पित करें। भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं। अब विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें तथा उनकी आरती करें। इसके बाद प्रसाद अपने परिजनों में वितरित कर दें।

श्रावण मास में हरिहर यानी भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की पूजा एक साथ होती है। सावन माह में कई स्थानों पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की भी पूजा की जाती है।

सावन मास में भगवान विष्णु समेत अन्य देवता योग निद्रा में होते हैं। देवशयनी एकादशी से चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है। देवशयनी से देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय अंतराल में भगवान शिव के पास पूरे संसार का कार्यभार होता है। वे जगत के पालनहार होते हैं। शिव परिवार की पूजा का महत्व बढ़ जाता है। 

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