Ravivar Vrat: धन, यश, सुख-समृद्धि के लिए करें रविवार व्रत, जानें पूजा की विधि और महत्व

Ravivar Vrat सूर्य उदय के साथ ही संसार का अंधकार मिट जाता है। उसी तरह जीवन में सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत से मान-सम्मान धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 08:34 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:34 AM (IST)
Ravivar Vrat: धन, यश, सुख-समृद्धि के लिए करें रविवार व्रत, जानें पूजा की विधि और महत्व
Ravivar Vrat: धन, यश, सुख-समृद्धि के लिए करें रविवार व्रत, जानें पूजा की विधि और महत्व

Ravivar Vrat: हिन्दू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी भगवान की पूजा करते हैं। रविवार को सूर्य देवता की पूजा का दिन है। पुराणों के अनुसार, रविवार के अधिपति देव सूर्य हैं। उनका प्रभाव भी उन्हीं की तरह बहुत ही तेज है। सूर्य को ग्रहों का राजा भी माना जाता है। सूर्य उदय के साथ ही संसार का अंधकार मिट जाता है। उसी तरह जीवन में सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस व्रत से मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है। इसके अलावा शत्रुओं से सुरक्षा और कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं रविवार व्रत के बारे में।

रविवार व्रत की पूजा विधि

सबसे पहले प्रातः काल स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र पहनें। फिर सूर्य भगवान का स्मरण करें। तांबे के लोटे में जल और तांबे की थाली में फूल, रोली, अक्षत् रखें। लोटे में एक चुटकी लाल चंदन पाउडर या फिर रोली और लाल रंग का फूल डालें। सूर्य उपासना के दिन सूर्यास्त से पहले एक बार भोजन अवश्य करना चाहिए। सूर्य भगवान को जल अर्पित करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए। उपासना करने के बाद भगवान की व्रत कथा जरूर सुनें। व्रत के दिन नमकीन और तेल युक्त भोजन बिल्कुल ना करें। इस दिन सात्विक भोजन जैसे गेहूं की रोटी, दलिया, दूध, दही, घी और चीनी खाना चाहिए।

रविवार व्रत का महत्व

व्रत रखकर रविवार के दिन सूर्य को अर्घ्य देने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं। सुबह के सूर्य की आराधना से सेहत सही और रोग मिटते हैं। दोपहर की सूर्य आराधना से नाम और यश बढ़ता है। शाम के समय की आराधना से जीवन में संपन्नता का आगमन होता है। इसके अलावा सुबह के समय सूर्य को जल अर्पित करने से मन संतुलित होते हैं। साथ ही साथ शरीर में प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है। मान-सम्मान और धन-यश बढ़ता है। सूर्य को जल अर्पण करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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