Papankusha Ekadashi 2020: आज है पापांकुशा एकादशी, क्या है व्रत एवं पूजा का मुहूर्त, महत्व तथा पारण समय

Papankusha Ekadashi 2020 हिन्दी पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर वर्ष पापांकुशा एकादशी होती है। इस वर्ष पापांकुशा एकादशी 27 अक्टूबर दिन मंगलवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की पूजा विधिपूर्वक की जाती है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 07:21 AM (IST)
Papankusha Ekadashi 2020: आज है पापांकुशा एकादशी, क्या है व्रत एवं पूजा का मुहूर्त, महत्व तथा पारण समय
कब है पापांकुशा एकादशी? जानें व्रत एवं पूजा का मुहूर्त, पारण समय तथा महत्व

Papankusha Ekadashi 2020: हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को हर वर्ष पापांकुशा एकादशी होती है। इस वर्ष पापांकुशा एकादशी 27 अक्टूबर दिन मंगलवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। पापांकुशा का अर्थ है- पाप रूपी हाथी को अंकुश से वेधना। इसका तात्पर्य यह है कि व्यक्ति अपने हाथी जैसे विशाल पापों को भगवान की स्तुति तथा व्रत के फल रुपी अंकुश से नष्ट कर दें। पापांकुशा एकादशी व्रत के पुण्य फल के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर को बतााया था। आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी व्रत और पूजा का मुहूर्त, महत्व तथा पारण का समय।

पापांकुशा एकादशी व्रत एवं पूजा मुहूर्त

श्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 26 अक्टूबर को सुबह 09 बजे से हो रहा है। एकादशी तिथि का समापन अगले दिन 27 अक्टूब को दिन में 10 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में आपको पापांकुशा एकादशी व्रत 27 अक्टूबर को करना चाहिए।

पापांकुशा एकादशी पारण समय

पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद कर लेना चाहिए। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व करना होता है। पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण 28 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 30 मिनट से प्रात:काल 08 बजका 44 मिनट के मध्य कर लेना उत्तम रहेगा।

पापांकुशा एकादशी का महत्व

पापांकुशा एकादशी व्रत के महत्व के बारे में ब्रह्माण्ड पुराण में विस्तार से बताया गया है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं पापांकुशा एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया है। उन्होंने युधिष्ठिर को आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी के बारे में बताया था। उन्होंने बताया कि पापांकुशा एकादशी पापों को दूर करने वाली होती है। इस संसार में जो भी व्यक्ति इस एकादशी व्रत को करता है, उसे मोक्ष, अर्थ तथा काम तीनों की प्राप्ति हो जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं।

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