Navratri 2021 Kanya Pujan Vidhi: आज महानवमी पर करें कन्या पूजन, जानें सही विधि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Navratri 2021 Kanya Pujan Vidhi नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजक पूजन का विधान है। आज महानवमी है आज आप अपने घर पर कन्या पूजन करने वाले हैं तो हम आपको कन्या पूजन की सही विधि मुहूर्त एवं महत्व बता रहे हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:43 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:44 AM (IST)
Navratri 2021 Kanya Pujan Vidhi: आज महानवमी पर करें कन्या पूजन, जानें सही विधि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व
Navratri 2021 Kanya Pujan Vidhi: आज महानवमी पर करें कन्या पूजन, जानें सही विधि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व

Navratri 2021 Kanya Pujan Vidhi: आज शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है। आज दुर्गा महानवमी है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नवरात्रि के समय में आप पहले दिन से लेकर दुर्गा अष्टमी और महानवमी तक प्रत्येक दिन कन्या पूजन कर सकते हैं। 02 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए विशेषकर नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजक पूजन का विधान है। आज महानवमी है, आज आप अपने घर पर कन्या पूजन करने वाले हैं तो हम आपको कन्या पूजन की सही विधि, मुहूर्त एवं महत्व बता रहे हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

कन्या पूजन 2021 मुहूर्त

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 13 अक्टूबर दिन बुधवार की रात 08:07 बजे से हो गया है। इसका समापन 14 अक्टूबर दिन गुरुवार शाम 06:52 बजे हो रहा है। महानवमी के दिन रवि योग रवि प्रात: 9:36 बजे से प्रारंभ है, जो 15 अक्टूबर को सुबह 06:22 बजे तक है। ऐसे में आप सुबह में मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के बाद कन्या पूजन कर सकते हैं।  

कन्या पूजन का नियम

1. कन्या पूजा में 02 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को आमंत्रित करना चाहिए। 2. कन्या पूजा में 9 कन्याओं को भोज कराएं और दक्षिणा देकर आशीष लें।

3. कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोज के लिए बैठाना चाहिए। बालक को बटुक भैरव का स्वरुप माना जाता है।

4. आप अपने सामर्थ्य के अनुसार भी कन्याओं की संख्या पूजा के लिए निर्धारित कर सकते हैं। 9 कन्याओं की पूजा की बाध्यता नहीं है।

कन्या पूजन: हर उम्र की कन्या है मां दुर्गा का एक स्वरुप

10 वर्ष की कन्या सुभद्रा

9 वर्ष की कन्या दुर्गा

8 वर्ष की कन्या शाम्भवी

7 वर्ष की कन्या चंडिका

6 वर्ष की कन्या कालिका

5 वर्ष की कन्या रोहिणी

4 वर्ष की कन्या कल्याणी

3 वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति

2 वर्ष की कन्या कुंआरी

इन उम्र वर्ग की सभी कन्याएं मां दुर्गा का ही रूप हैं।

नवरात्रि 2021: कन्या पूजन विधि

दुर्गा अष्टमी या महानवमी के दिन आप मां दुर्गा की पूजा करने के बाद अपने सामर्थ्य के अनुसार 02 से 10 वर्ष की कन्याओं को भोज के लिए आमंत्रित करें। उनके आगमन पर शंखनाद और घंटी बजाएं। सहर्ष उनको बैठने के लिए आसन दें। फिर क्रमश: उनके पांव पखारें, फूल, अक्षत्, माला आदि से उन्हें सुशोभित करें। इसके बाद उनकी आरती करें।

अब दुर्गा अष्टमी पर जो भी पकवान बना हो, उसे भोजन स्वरुप उनको दें। विशेषकर पूरी, चना और हलवा कन्या पूजन में उपयोग किया जाता है। भोजन के बाद कन्याओं को उपहार और दक्षिणा दें। उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। नवरात्रि पूजन में भूलवश जो भी गलतियां हुई हों, उसके लिए मातारानी से क्षमा याचना करें। उनको फिर अगले वर्ष घर आने का निमंत्रण दें। अब कन्याओं को पूजन के बाद सहर्ष विदा करें।

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