Masik Shivratri Puja Vidhi: आज मासिक शिवरा​त्रि को ऐसे करें शिव पूजा, भोलेनाथ पूरी करेंगे मनोकामनाएं

Masik Shivratri Puja Vidhiहिन्दी पंचांग के अनुसार मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है। इस दिन व्रत रखकर भक्त भगवान शिव की उपासना करते हैं। आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन कि प्रकार पूजा करें ​कि भगवान शिव प्रसन्न हो जाएं।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 10:00 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 06:51 AM (IST)
Masik Shivratri Puja Vidhi: आज मासिक शिवरा​त्रि को ऐसे करें शिव पूजा, भोलेनाथ पूरी करेंगे मनोकामनाएं
Masik Shivratri Puja Vidhi: आज मासिक शिवरा​त्रि को ऐसे करें शिव पूजा, भोलेनाथ पूरी करेंगे मनोकामनाएं

Masik Shivratri Puja Vidhi: हिन्दी पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ती है। इस दिन व्रत रखकर भक्त भगवान शिव की उपासना करते हैं। भगवान शिव को देवों को देव महादेव कहा जाता है। भगवान शिव बड़े दयालु हैं, सरल माने जाते हैं, जो बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। उनकी पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट खुद ब खुद ही समाप्त हो जाते हैं। भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे विशेष दिन शिवरात्रि का दिन होता है। आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन कि प्रकार पूजा करें ​कि भगवान शिव प्रसन्न हो जाएं।

मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त

ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ आज 8 जून 2021 दिन मंगलवार को दिन में 11 बजकर 24 मिनट से हो रहा है, जो 9 जून 2021 दिन बुधवार को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट तक है। इस दिन आपको रात 12 बजे से 12 बजकर 40 मिनट के मध्य शिवरात्रि की पूजा करनी चाहिए।

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्मों को करने के बाद स्नान करना चाहिए। इस दिन पीले रंग का स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके उपरांत व्रत का संकल्प करना चाहिए। इस दिन शिवजी के मंदिर जाना चाहिए और उनकी पूजा सपरिवार करनी चाहिए। जिसमें माता पार्वती, गणेश जी, कुमार कार्तिकेय और नंदी महाराज शामिल हों।

शिवलिंग का अभिषेक शहद, दही, दूध, शक्कर, शुद्ध घी से करना चाहिए। इस दौरान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ओम नम: शिवाय का उच्चारण भी करना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, मदार पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए। शिवजी की पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिवाष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक आदि का पाठ करना चाहिए। मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। दूसरे दिन प्रातः जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और दान दक्षिणा दें, इसके बाद अपने पारण करके व्रत को पूरा करें।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

पौराणिक ग्रंथों में मासिक शिवरात्रि के महत्त्व का उल्लेख मिलता है। इस व्रत से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं। वैवाहिक जीवन की समस्याओं से भी निजात मिलती है। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाते हैं।

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