Mangala Gauri Vrat Katha 2020: आज मंगलवार को पढ़ें मंगला गौरी व्रत कथा, ऐसी है माता की महिमा
Mangala Gauri Vrat Katha 2020 आज सावन का दूसरा मंगलवार है। आज विधिपूर्वक मां मंगला गौरी की व्रत कथा का पाठ करना न भूलें।
Mangala Gauri Vrat Katha 2020: आज सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत है। आज मां मंगला गौरी की पूजा करने से सुहागन महिलाओं को पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतानों का भी कल्याण होता है। आज विधिपूर्वक मां मंगला गौरी की पूजा और व्रत रखने के साथ मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करना न भूलें। व्रती को मंगला गौरी व्रत का पाठ अवश्य करना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत कथा
एक समय की बात है। एक नगर में धर्मपाल नाम का सेठ रहता था। वह अपनी पत्नी के साथ आनंदपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहा था, लेकिन उसे एक बात का कष्ट था कि उसकी कोई संतान नहीं है। संतान प्राप्ति के लिए उसने काफी पूजा पाठ, दान और धार्मिक कार्य किए। ईश्वर की कृपा से उसे एक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
जब ज्योतिषाचार्य ने उस बच्चे की कुंडली देखी तो आश्चर्य में पड़ गए। वह बालक अल्प आयु वाला था। ज्योतिषी ने बताया कि 16 वर्ष की अवस्था में सांप के काटने से इसकी मृत्यु हो जाएगी। समय के साथ धर्मपाल इस बात को भूल गया। संयोगवश उस बालक का विवाह 16 वर्ष से पूर्व ही एक कन्या से कर दी गई।
उस कन्या की माता सावन मास में हमेशा मंगला गौरी का व्रत करती थी। इस व्रत के प्रभाव के कारण उस कन्या को अखंड सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त था। इस वजह से धर्मपाल सेठ का पुत्र दीर्घायु वाला हो गया और उसकी मृत्यु टल गई।
इस वजह से सभी सुहागन महिलाएं मंगला गौरी का व्रत रखती हैं और नियम पूर्वक पूजा करती हैं। वे मां गौरी से सुखी और लंबे वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मांगती हैं। जो महिलाएं किन्हीं कारणों से यह व्रत नहीं रख पाती हैं, वे मंगला गौरी का पूजन विधि पूर्वक करती हैं।
मंगला गौरी की पूजा में 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए क्योंकि यह अखंड सौभाग्य का व्रत है।