Lakshmi Panchami 2021: लक्ष्मी पंचमी पर पूजा करते समय जरूर करें आरती और मंत्रों का जाप

Lakshmi Panchami 2021 आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने से मां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। यह व्रत चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन आता है

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 08:00 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 03:17 PM (IST)
Lakshmi Panchami 2021: लक्ष्मी पंचमी पर पूजा करते समय जरूर करें आरती और मंत्रों का जाप
Lakshmi Panchami 2021: लक्ष्मी पंचमी पर पूजा करते समय जरूर करें आरती और मंत्रों का जाप

Lakshmi Panchami 2021: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा करने से मां भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। यह व्रत चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन आता है ऐसे में इसे बेहद ही खास माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करते समय उनकी आरती और मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को हर दुख से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो आइए पढ़ते हैं लक्ष्मी जी के मंत्र और आरती।

लक्ष्मी जी के मंत्र:

महामंत्र: 1

ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।

श्री लक्ष्मी मंत्र: 2

ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा लक्ष्मी

नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-कुरु

सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा:।

महामंत्र: 3

पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे

तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।।

महामंत्र: 4

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

महामंत्र: 5

ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,

धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

लक्ष्मी जी की आरती:

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता |

तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता |

सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता |

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता |

कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

जिस घर तुम रहती हो , ताँहि में हैं सद् गुण आता |

सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता |

खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता |

रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

महालक्ष्मी जी की आरती ,जो कोई नर गाता |

उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

स्थिर चर जगत बचावै ,कर्म प्रेर ल्याता |

रामप्रताप मैया जी की शुभ दृष्टि पाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता….

ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता |

तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

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