Utpanna Ekadashi 2021:जानिए, क्यों एकादशी के दिन चावल खाने की है मनाही

सनातन धार्मिक ग्रंथों की मानें तो कालांतर में माता सती के क्रोध से बचने हेतु ऋषि मेधा पंचतत्व में विलीन हो गए। जिस दिन उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया। उस दिन एकादशी थी। कालांतर में ऋषि मेधा चावल और जौ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:13 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 06:00 AM (IST)
Utpanna Ekadashi 2021:जानिए, क्यों एकादशी के दिन चावल खाने की है मनाही
Utpanna Ekadashi 2021: जानिए, क्यों एकादशी के दिन चावल खाने की है मनाही

Utpanna Ekadashi 2021:सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हर महीने के दोनों पक्षों में एकादशी मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्रती को हजारों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समतुल्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही व्रती के सभी दुःख, दर्द, कष्ट और क्लेश दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में एकादशी पर्व को लेकर विस्तार से बताया गया है। हालांकि, इस व्रत को करने के कठोर नियम हैं। अगर कोई चूक करते हैं, तो व्रत टूट जाता है। इसके लिए साधक को सच्ची निष्ठा से व्रत करना चाहिए। साथ ही एकादशी के दिन चावल खाने की मनाही है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

क्या है कथा

सनातन धार्मिक ग्रंथों की मानें तो कालांतर में माता सती के क्रोध से बचने हेतु ऋषि मेधा पंचतत्व में विलीन हो गए। जिस दिन उन्होंने अपने शरीर का त्याग किया। उस दिन एकादशी थी। कालांतर में ऋषि मेधा चावल और जौ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए। इस वजह से कालांतर से एकादशी के दिन चावल और जौ खाने की मनाही है। ज्योतिष भी एकादशी के दिन कई चीजों का सेवन न करने की सलाह देते हैं।

एकादशी के दिन क्या न करें

तामसिक भोजन का त्याग करें। अगर व्रत कर रहे हैं, तो इस बात का ख्याल रखें कि तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। वहीं, व्रत नहीं करने पर भी मास मदिरा का सेवन न करें।

-ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें। एकादशी के दिन मन में किसी प्रकार का कोई पाप न रखें। निर्मल भाव से भगवान श्रीहरि विष्णु का ध्यान और सुमरन कर दिन व्यतीत करें।

विवाद से बचें

ज्योतिषों की मानें तो एकादशी के दिन वाद-विवाद बिल्कुल न करें। इससे भगवान श्रीहरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं। इसके लिए एकादशी के दिन किसी से कहासुनी न करें।

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