Shravan 2021: जानिये शिव को क्यों पसंद है बेलपत्र, इससे माता पार्वती का क्या संबंध है
Shravan 2021 शिव पूजा के दौरान हम शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीज अर्पित करते हैं। इन्हीं में से एक बेलपत्र है जो शिव को प्रिय है। आइये जानते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र क्यों प्रिय है।
Shravan 2021: सावन की शुरुआत 25 जुलाई से हो गई है। भगवान शिव को सावन माह अत्यधिक प्रिय है। सावन में शिव पूजा का विशेष लाभ मिलता है। व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार भगवान शिव इस माह पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं। इसलिए सावन में सभी पूरी श्रद्धा के साथ शिव पूजा करते हैं। शिव पूजा के दौरान हम शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय चीज अर्पित करते हैं। इन्हीं में से एक बेलपत्र है, जो शिव को प्रिय है। आइये जानते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र क्यों प्रिय है। इससे जुड़ी कथा का विस्तार से वर्णन करेंगे।
बेलपत्र से जुड़ी कथा
स्कंद पुराण में बेल वृक्ष की उत्पत्ति का उद्धरण मिलता है। स्कंदपुराण की कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती ने अपने ललाट से पसीना पोंछकर फेंक दिया। इस पसीने की कुछ बूंद मंदार पर्वत के शिखर पर गिरी। जिससे मंदार पर्वत पर बेल वृक्ष की उत्पत्ति हुई। मान्यता है कि बेल वृक्ष के जड़ों मे गिरिजा, तना में महेश्वरी, शाखाओं में दक्षयानी, पत्तियों में पार्वती और और फूलों में माता गौरी का वास है। इसी वजह से भगवान शिव को बेलपत्र बहुत अधिक प्रिय है।
शिव को बेलपत्र अर्पित करने के फायदे
सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। सावन में बेलपत्र चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा बड़े से बड़ा रोग दूर हो जाता है। जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। व्यक्ति को पुराने से पुराने अदालत की समस्या और मुकदमों से निजात मिलता है।
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