Nag Panchami Ke Mantra : नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा, जानिये विशेष मंत्र जाप जिससे कालसर्प दोष से दूर हो जाते हैं
Nag Panchami Ke Mantra वर्ष नाग पंचमी 13 अगस्त के दिन है। सावन में पड़ने वाले नाग पंचमी के दिन मंत्र जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं।
Nag Panchami Ke Mantra : सावन मास प्रारंभ हो चुका है। इस माह में नागपंचमी का त्योहार भी मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नागों को बहुत शुभ माना गया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष नाग पंचमी का पर्व सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मानाया जाता है। इस वर्ष नाग पंचमी 13 अगस्त के दिन है। सावन में पड़ने वाले नाग पंचमी के दिन मंत्र जाप करना बहुत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए नाग पंचमी के दिन इन मंत्रों का जाप अवश्य करें।
नाग पंचमी करें मंत्र का जाप
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता:॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नम:॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःकाले विशेषत:।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
नाग पंचमी में इन 12 नागों की पूजा की जाती है
नाग पंचमी के दिन मंत्र जाप के समय के समय इन 12 नागों को विशेष रूप से स्मरण करना चाहिए। हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार इन बारह नागों की पूजा का विशेष रूप से महत्व है। इन नागों के नाम इस प्रकार हैं अनन्त, वासुकि, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, शेष, पद्म, पिङ्गल नाग, कम्बल, कालिया, और तक्षक हैं।
नाग पंचमी का महत्व
सावन में नाग देवता के साथ भगवान शिव की पूजा और रूद्राभिषेक करना शुभ माना गया है। नाग पंचमी को नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है। इस दिन नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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