Kajari Teej 2020: गुरुवार को है कजरी तीज, कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी है प्रसिद्ध

Kajari Teej 2020 हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज का पर्व भी महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 10:31 AM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 10:32 AM (IST)
Kajari Teej 2020: गुरुवार को है कजरी तीज, कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी है प्रसिद्ध
Kajari Teej 2020: गुरुवार को है कजरी तीज, कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज के नाम से भी है प्रसिद्ध

Kajari Teej 2020: हरियाली तीज की तरह ही कजरी तीज का पर्व भी महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की तृतीया को कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 6 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि यह पर्व उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान सहित कई राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

कजली तीज, बूढ़ी तीज या सातूड़ी तीज

कजरी तीज को कजली तीज, बूढ़ी तीज व सातूड़ी तीज भी कहा जाता है। जिस तरह से हरियाली तीज, हरतालिका तीज का पर्व महिलाओं को लिए बहुत मायने रखता है। उसी तरह कजरी तीज भी सुहागन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है।

भादो मास के तृतीया महीने को कजली तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष कजरी तीज 6 अगस्त को मनाई जाएगी। कजरी तीज को कजली तीज भी कहते हैं। यह त्योहार महिलाओं का पर्व होता हैं। इस दिन सुहागनें वैवाहिक जीवन की सुख और समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। कजली तीज को हर इलाकों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है।

अच्छा जीवनसाथी और सदा सौभाग्यवती होने का वरदान

वैवाहिक जीवन की सुख और समृद्धि के लिए यह व्रत किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन कन्या या सुहागनें पूरे श्रद्धा से अगर शिव भगवान और माता पार्वती की पूजा करती हैं, तो उन्हें अच्छा जीवनसाथी और सदा सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है।

माना जाता है कि इस दिन मां पार्वती ने शिव जी को अपनी कठोर तपस्या के बाद प्राप्त किया था। मान्यता है कि कजली तीज के मौके पर विशेष रूप से गौरी की पूजा करें। व्यक्ति की कुंडली में चाहे कितने ही बाधाए क्यों न हों, इस दिन की पूजा से वे नष्ट किए जा सकते हैं। लेकिन इसका फायदा तभी होगा जब कोई अविवाहिता इस उपाय को खुद करे। इस व्रत को करने से माता पार्वती एवं भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

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