Guru Purnima 2020 Puja Timing: आज है व्यास पूर्णिमा, जानें-गुरु व्यास की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Guru Purnima 2020 Puja Timing वेदव्यास को भगवान विष्णु का कलावतार माना गया है। अतः भगवान विष्णु के निमित्त पूजा करने से भी पूजा स्वीकार होता है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 08:00 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:34 AM (IST)
Guru Purnima 2020 Puja Timing: आज है व्यास पूर्णिमा, जानें-गुरु व्यास की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
Guru Purnima 2020 Puja Timing: आज है व्यास पूर्णिमा, जानें-गुरु व्यास की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Guru Purnima 2020 Puja Timing:  आज व्यास पूर्णिमा है। हिंदी पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन वेद और महाकाव्य के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ है। अत: इस दिन व्यास पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन गुरु की पूजा विधि पूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन में नया सवेरा होता है। जबकि जीवन का मार्ग भी प्रशस्त होता है। आइए, पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और व्रत विधि जानते हैं-

व्यास पूर्णिमा पूजा का शुभ मुहूर्त

साधक दिन में किसी समय गुरु की पूजा कर सकते हैं। किसी कारणवश साधक प्रातः काल में गुरु की पूजा नहीं कर पाते हैं तो चौघड़िया तिथि देखकर गुरु की पूजा कर सकते हैं। आज के दिन दान पुण्य करने का विशेष विधान है। अत: अपनी क्षमता अनुसार दान-पुण्य जरूर करें। 

 व्यास पूर्णिमा महत्व

वेदव्यास को भगवान विष्णु का कलावतार माना गया है। अतः भगवान विष्णु के निमित्त पूजा करने से भी पूजा स्वीकार होता है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु अपने शिष्य के जीवन में फैले अंधकार को दूर कर प्रकाश फैलाते हैं। जबकि जीवन में सतमार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

व्यास पूर्णिमा पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु का स्मरण कर दिन की शुरुआत करें। इसके पश्चात धरती माता को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लें। अब नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान करें और आमचन कर व्रत संकल्प लें। इस समय निम्न मंत्र  स्तुति करें-

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।

गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥

तत्पश्चात, भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें और फिर गुरु ( ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश) की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, तंदुल, अक्षत, कुमकुम और रोली आदि से विधि पूर्वक करें। अंत में गुरु व्यास से बल, बुद्धि और विद्या हेतु कामना करें। खासकर विद्यार्थियों के लिए यह दिन अति उत्तम है। इसके बाद अपने गुरु को दक्षिणा दें। 

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