Guru Pradosh Vrat in December 2021: कल है गुरु प्रदोष का संयोग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Pradosh Vrat in December 2021 इस माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर को पड़ रहा है। इस दिन गुरुवार होने के कारण ये गुरु प्रदोष का सयोंग बन रहा है। आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत की तिथि मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में....

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 15 Dec 2021 06:00 AM (IST)
Guru Pradosh Vrat in December 2021: कल है गुरु प्रदोष का संयोग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Guru Pradosh Vrat in December 2021:कल है गुरु प्रदोष का संयोग? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Pradosh Vrat in December 2021: प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष व्रत है। इस दिन शिव भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और प्रदोष काल में शिव-पार्वती का पूजन करते हैं। मान्यता है कि नियमित रूप से प्रदोष व्रत रहने से आपके जीवनी की सभी परेशानियां और संकट स्वतः दूर हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।इस माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 16 दिसंबर, दिन गुरुवार को पड़ रहा है। इस संयोग को गुरु प्रदोष के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं गुरु प्रदोष व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में....

गुरु प्रदोष की तिथि और मुहूर्त –

हिंदी महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने का विधान है। मार्गशीर्ष या अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 16 दिसंबर, दिन गुरुवार को पड़ रही है। त्रयोदशी तिथि 16 दिसंबर को रात्रि 02 बजकर 01 मिनट पर लगेगी जो कि 17 दिसंबर को प्रातः 04 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। इस दिन शिव-पार्वती पूजा का विशेष मुहूर्त प्रदोष काल शाम को 5.39 बजे से 08.20 बजे तक रहेगा।

गुरु प्रदोष की पूजा विधि –

मान्यता है कि गुरु प्रदोष के दिन भगवान शिव और पार्वती का व्रत और पूजन करने से संकट और शत्रु विजय आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन प्रातः काल उठ कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। दिन भर फलाहार का व्रत रखते हुए प्रदोष काल में शिव- पार्वती का पूजन करना चाहिए। प्रदोष व्रत में षोढसोपचार विधि से पूजन करने का विधान है। साथ ही इस दिन भगवान शिव रूद्राभिषेक करना भी विशेष फलदायी है। गुरु प्रदोष के दिन पूजन में शिव जी के महामृत्यंजय मंत्र का जाप करने से रोग दोष से मुक्ति तथा शत्रु विजय करने की शक्ति प्राप्त होती है।

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