इस मंदिर में शिव जी को चढ़ावे में झाड़ू चढ़ाई जाती है, जानें-इसकी मान्यता

यह मंदिर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल जिले के बहजोई के सादतबाड़ी नामक गाँव में है जिसे पतालेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है।

By Umanath SinghEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 02:06 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 02:06 PM (IST)
इस मंदिर में शिव जी को चढ़ावे में झाड़ू चढ़ाई जाती है, जानें-इसकी मान्यता
इस मंदिर में शिव जी को चढ़ावे में झाड़ू चढ़ाई जाती है, जानें-इसकी मान्यता

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव जी की विधि पूर्वक पूजा-उपासना की जाती है। इन्हें भोलेनाथ, महादेव, भोला भंडारी आदि नामों से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा-आराधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूरी हो जाती हैं।

हालांकि, व्रती अपने आराध्य देव को मनाने के लिए तरह-तरह के विधान करते हैं। इसी क्रम में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां व्रती शिव जी को चढ़ावे में झाड़ू भेंट करते हैं। कुछ लोग तो झाड़ू शिवलिंग पर चलाते हैं। आप यह सोचकर आश्चर्य में पड़ गए होंगे कि पूजा करने का यह कौन सा तरीका है? लेकिन बात सोलह आने सच है।

यह मंदिर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और संभल जिले के बहजोई के सादतबाड़ी नामक गाँव में है, जिसे पतालेश्वर शिव मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में शिव जी को झाड़ू चढ़ाने के लिए सोमवार, शिवरात्रि और सावन के महीने में लंबी कतार लगी रहती है। 

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में शिव जी को झाड़ू भेंट करने से व्रती की मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूरी हो जाती हैं। इसके लिए सोमवार को सुबह से श्रद्धालुओं को लंबी कतार लग जाती है। खासकर त्वचा रोगों से ग्रसित लोगों की भीड़ अधिक जुटती है। इस रोग से छुटकारा पाने के लिए वे शिवलिंग पर झाड़ू लगाते हैं। इस बारे में उनका मत है कि ऐसा करने से उनको त्वचा रोगों से जल्द निजात मिल जाता है।

झाड़ू कहां मिलती है

अगर आप अपनी मनोकामना लेकर शिव जी के दर्शनार्थ पतालेश्वर शिव मंदिर जाना चाहते हैं तो आपको झाड़ू ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आपको झाड़ू वहीं मंदिर परिसर में उचित कीमत पर मिल जाएगी। दूर-दूर से भक्तगण अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और बाबा के दर्शन पाते हैं।

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