Choti Diwali 2021 Puja Vidhi: जानिए, छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

Choti Diwali 2021 Puja Vidhi आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दीपवली का पर्व मनाया जाता है।इस दिन नरक चतुर्दशी के साथ रूप चौदस और काली चौदस का त्योहार भी मनाया जाता है।

By Jeetesh KumarEdited By: Publish:Wed, 03 Nov 2021 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 03 Nov 2021 01:20 PM (IST)
Choti Diwali 2021 Puja Vidhi: जानिए, छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
Choti Diwali 2021 Puja Vidhi: जानिए, छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

Choti Diwali 2021 Puja Vidhi: आज, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दीपवली का पर्व मनाया जाता है। ये दीपावली महोत्सव का दूसरा प्रमुख पर्व है, इसके अगले दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन नरक चतुर्दशी के साथ, रूप चौदस और काली चौदस का त्योहार भी मनाया जाता है। पौराणिक मन्यता के अनुसार आज हनुमान जंयति का भी पर्व मनाया जाता है। आज के दिन यमदीपक जलाने का भी विधान है, मान्यता है कि नरकचतुर्दशी के दिन यम दीपक जलाने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त होता है। आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी या छोटी दीपवली की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त ....

नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग में नरक चतुर्दशी 3 नवंबर, दिन बुधवार को 09 बजकर 2 मिनट से आरंभ होगी और 4 नवंबर, गुरुवार को सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी।छोटी दीपवली की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त विजय मुहूर्त या प्रदोष काल का मुहूर्त है। आज विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से 02 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।

नरक चतुर्दशी की पूजन विधि

नरक चतुर्दशी या छोटी दीपवली के दिन रूप चौदस का भी त्योहार मनाया जाता है। आज के दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काली के पूजन का विधान है। इस दिन हनुमान जयंति का भी पूजन किया जाता है।

नरक चतुर्दशी के दिन ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में मुहं करके पूजन करना चाहिए। पूजन मुहूर्त में एक चौकी पर पंचदेवों, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव,विष्णु और सूर्यदेव की स्थापना करें। इसके बाद पंचदेवों का गंगा जल से स्नान करा कर, रोली या चंदन से तिलक करें। उन्हें धूप, दीप और फूल चढ़ा कर उनके आवहन मंत्रों का जाप करें। सभी देवों को जनेऊ, कलावा ,वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करने चाहिए। इसके बाद सभी देवों के मंत्रों और स्तुति का पाठ करें। पूजन का अंत आरती करके करना चाहिए। पूजन के बाद इस दिन यम दीपक जलाने का विधान है। आटे से बना हुआ चौमुखा दीपक बना कर घर के बाहर चौखट पर जलाया जाता है। इसके साथ ही छोटी दीपावली पर प्रदोष काल में दीपक जलाने से घर से दुख-दारिद्रय दूर होता है।

डिसक्लेमर

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