Lord Vishnu Mantra: गुरुवार को विष्णु जी की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होगी मनोकामना

Lord Vishnu Mantra आज गुरुवार है और आज का दिन विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन पूजा-पाठ का महत्व खास माना जाता है। मान्यता है कि इश दिन अगर सच्चे मन से भक्त विष्णु जी की पूजा करता है तो भगवान खुश होकर उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 08 Apr 2021 09:00 AM (IST)
Lord Vishnu Mantra: गुरुवार को विष्णु जी की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होगी मनोकामना
Lord Vishnu Mantra: गुरुवार को विष्णु जी की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप, पूरी होगी मनोकामना

Lord Vishnu Mantra: आज गुरुवार है और आज का दिन विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन पूजा-पाठ का महत्व खास माना जाता है। मान्यता है कि इश दिन अगर सच्चे मन से भक्त विष्णु जी की पूजा करता है तो भगवान खुश होकर उसकी सभी मनोकामना पूरी करते हैं। साथ ही विधि-विधान के साथ पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। माना जाता है अगर इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन धन-धान्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके जीवन के सभी दुख भी खत्म हो जाते हैं। गुरुवार को पूजा करते समय विष्णु जी की आरती और चालीसा का पाठ तो करना ही चाहिए। साथ ही उनके कुछ मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है और विष्णु जी की कृपा भी भक्तों पर बनी रहती है। तो आइए पढ़ते हैं विष्णु जी के मंत्र।

विष्णु जी के मंत्र:

विष्णु रूपं पूजन मंत्र-शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

ॐ नमोः नारायणाय.

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।

विष्णु गायत्री महामंत्र:

ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।

विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र:

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

विष्णु जी के बीज मंत्र:

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।

ॐ गुं गुरवे नम:।

बृहस्पति शांतिपाठ के मंत्र:

ॐ अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)

ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)

ॐ सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)

ॐ बृं बीजाय नम: (गुहये)

ॐ शक्तये नम: (पादयो:)

ॐ विनियोगाय नम: (सर्वांगे) 

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