Ahoi Ashtami 2021: जानें अहोई अष्टमी व्रत के 7 नियम, संतान प्राप्ति के लिए कर सकते हैं ये उपाय

Ahoi Ashtami 2021 संतान के सुखी और आरोग्य जीवन के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी व्रत के नियम और उपाय के बारे में।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:19 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:57 AM (IST)
Ahoi Ashtami 2021: जानें अहोई अष्टमी व्रत के 7 नियम, संतान प्राप्ति के लिए कर सकते हैं ये उपाय
Ahoi Ashtami 2021: जानें अहोई अष्टमी व्रत के नियम, संतान प्राप्ति के लिए कर सकते हैं ये उपाय

Ahoi Ashtami 2021: संतान के सुखी और आरोग्य जीवन के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं और अहोई माता की पूजा करती हैं। जिन लोगों की कोई संतान नहीं है, वे अहोई अष्टमी के दिन कुछ ज्योतिष उपाय करके अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं। अहोई माता और गणेश जी की कृपा आप पर होगी। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी व्रत के नियम और उपाय के बारे में।

अहोई अष्टमी व्रत के नियम

1. अहोई अष्टमी के दिन निर्जला व्रत रखते हैं। अस्वस्थ और गर्भवती महिलाएं अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए व्रत करें, तो ठीक है।

2. अहोई अष्टमी व्रत से एक दिन पूर्व घर में तामसिक चीजों का सेवन न करें। ऐसा करने से व्रत निष्फल हो जाएगा।

3. अहोई अष्टमी की रात तारों को अर्घ्य देने के लिए पीतल के लोटे या स्टील के पात्र का उपयोग कर सकते हैं। पूजा के समय अहोई माता की आरती और अहोई अष्टमी व्रत की कथा अवश्य सुनें।

4. व्रत वाले दिन शुभ मुहूर्त में अहोई माता की पूजा करते समय बच्चों को अपने पास बैठाएं। फल, मिठाई और पकवान आदि का भोग लगाने के बाद उसे प्रसाद स्वरुप बच्चों को दे दें। इस पूजा में अहाई माता को दूध-चावल का भोग लगाने की परंपरा है।

5. अहोई अष्टमी की पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या फिर जरूरतमंद को दान दें।

6. अहोई अष्टमी के व्रत का पारण रात्रि के समय करते हैं।

7. व्रत करते हुए दोपहर में सोना वर्जित होता है। इससे आलस्य आता है।

अहोई अष्टमी पर संतान प्राप्ति उपाय

नि:संतान दंपत्ति को अहोई अष्टमी के दिन गणेश जी को बेलपत्र अर्पित करें और ‘ओम पार्वतीप्रियनंदनाय नम:’ मंत्र का 11 माला जप करें। अहोई अष्टमी से 45 दिन तक यह लगातार करना होता है।

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