Ahoi Ashtami 2021 Date: आज है अहोई अष्टमी, जानें पूजा मुहूर्त, महत्व एवं तारों को देखने का समय

Ahoi Ashtami 2021 Date हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संतान के सुखी और समृद्धि जीवन के लिए अहोई अष्टमी को व्रत रखा जाता है। यह व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद और दिवाली से 8 दिन पूर्व होता है।

By Kartikey TiwariEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:37 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:45 AM (IST)
Ahoi Ashtami 2021 Date: आज है अहोई अष्टमी, जानें पूजा मुहूर्त, महत्व एवं तारों को देखने का समय
Ahoi Ashtami 2021 Date:आज है अहोई अष्टमी, जानें पूजा मुहूर्त, महत्व एवं तारों को देखने का समय

Ahoi Ashtami 2021 Date: हिन्दू धर्म में जिस प्रकार पति की लंबी आयु के लिए कई व्रत हैं, ठीक उसी तरह संतान के दीर्घ आयु एवं सुखी जीवन के लिए भी व्रत हैं। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को संतान के सुखी और समृद्धि जीवन के लिए अहोई अष्टमी को व्रत रखा जाता है। यह व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद और दिवाली से 8 दिन पूर्व होता है। अहोई अष्टमी के दिन माताएं व्रत रखती हैं और अहोई माता की विधिपूर्वक पूजा करती हैं। अहोई माता की कृपा से संतान सुखी, आरोग्य और दीर्घायु होती है। आइए जानते हैं कि इस वर्ष अहोई अष्टमी व्रत कब है, पूजा मुहूर्त क्या है?

अहोई अष्टमी 2021 तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट से हुआ है। इसका समापन अगले दिन 29 अक्टूबर दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट पर होगा। अहोई अष्टमी में शाम की पूजा और तारों को करवे से अर्ध्य देने का महत्व है। ऐसे में अहोई अष्टमी व्रत 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा।

अहोई अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त

अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा का मुहूर्त शाम को 01 घंटे 17 मिनट का है। 28 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक अहोई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त है।

अहोई अष्टमी 2021 तारों को देखने का समय

अहोई अष्टमी के दिन शाम को 06 बजकर 03 मिनट से तारों को देखकर आप करवे से अर्ध्य दे सकती हैं।

अहोई अष्टमी 2021 चन्द्रोदय

इस वर्ष अहोई अष्टमी को रात 11 बजकर 29 मिनट पर चंद्रमा का उदय होगा।

अहोई अष्टमी व्रत विधि

महिलाएं संतान के लिए अहोई अष्टमी का निर्जला व्रत रखती हैं। शाम को अहोई माता की विधि विधान से पूजा करती हैं। तारों को करवे से अर्ध्य देने के बाद आरती करती हैं। फिर संतान के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को पूरा करती हैं। अहोई अष्टमी व्रत को अहोई आठे भी कहा जाता है।

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