Adhik Maas Purnima 2020: आज है अधिक मास की पूर्णिमा, जानें श्रीसत्यनारायण व्रत एवं पूजा का मुहूर्त
Adhik Maas Purnima 2020 अधिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व इसलिए है कि यह मास भगवान विष्णु को समर्पित है। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करना मंगलकारी होता है और पूर्णिमा के दिन उनके ही श्रीसत्यनारायण अवतार की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
Adhik Maas Purnima 2020: हिन्दी पंचाग के अनुसार, अधिक मास की पूर्णिमा आज 01 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। अधिक मास या मलमास की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा करने, स्नान और दान का विधान है। पूर्णिमा के दिन या एक दिन पूर्व लोग श्रीसत्यनारायण व्रत करते हैं तथा उनकी कथा का श्रवण करते हैं। इस बार कोरोना महामारी के कारण लोग नदी या सरोवर में स्नान नहीं करेंगे। ऐसे में आप घर पर ही स्नान, दान आदि करें। फिर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण की पूजा विधिपूर्वक करें। आइए जानते हैं कि अधिक मास की पूर्णिमा का मुहूर्त क्या है।
अधिक मास पूर्णिमा मुहूर्त
अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 30 सितंबर दिन बुधवार को देर रात में 12 बजकर 25 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 01 अक्टूबर गुरुवार को देर रात 02 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। इस तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। राहुकाल दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से दोपहर 03 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। उस दिन पंचक पूरे दिन रहेगा।
श्रीसत्यनारायण व्रत
यदि आपको श्रीसत्यनारायण व्रत रहना है तो 01 अक्टूबर को रखें। उस दिन विधि पूर्वक श्रीसत्यनारायण की पूजा करें और श्रीसत्यनारायण की कथा सुनें। श्रीसत्यनारायण की पूजा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्रीसत्यनारायण भगवान विष्णु के ही अवतार माने जाते हैं। श्रीसत्यनारायण की पूजा किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन पूर्णिमा तिथि को विशेष तौर पर श्रीसत्यनारायण की पूजा होती है। संध्या के समय पूजा करें और प्रसाद वितरण करके स्वयं भी उसे ग्रहण करें तथा व्रत को पूर्ण कर लें।
अधिक मास पूर्णिमा का महत्व
अधिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व इसलिए है कि यह मास भगवान विष्णु को समर्पित है। मलमास में भगवान विष्णु की पूजा करना मंगलकारी होता है और पूर्णिमा के दिन उनके ही श्रीसत्यनारायण अवतार की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। अधिक मास की पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और पूजा का कई गुना लाभ प्राप्त होता है। आप व्रत नहीं रह सकते हैं तो अपने घर श्रीसत्यनारायण की कथा भी सुन सकते हैं, जिसका आपको लाभ हो सकता है।