राजस्थान की 33 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्जभार से जूझती गहलोत सरकार को शराब से मिलने वाले राजस्व से उम्मीद

सरकार के राजस्व अर्जन में पिछले साल के मुकाबले इस साल में करीब 10 फीसदी की कमी आई है। आबकारी बिक्री कर और स्टांम्प सहित सभी क्षेत्रों में राजस्व कम हुआ है। गहलोत की नई आबकारी नीति में 13 हजार करोड़ का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

By PRITI JHAEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 11:32 AM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 11:32 AM (IST)
राजस्थान की 33 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्जभार से जूझती गहलोत सरकार को शराब से मिलने वाले राजस्व से उम्मीद
आगामी बजट बनाने में जुटी गहलोत सरकार

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार अपने तीसरे बजट की तैयारियों में जुट गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसी माह बजट पेश करेंगे। बजट को अंतिम देने को लेकर मुख्यमंत्री विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ संवाद कर रहे हैं। वहीं अधिकारी बजट फाइनलाइजेशन कमेटियों की बैठक कर रहे हैं। सरकार ने सभी विभागों से खर्चों में कटौती करने के लिए कहा है।

गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करेंगे। इसको लेकर वे लगातार अधिकारियों के साथ ही वित्त विशेषज्ञों के साथ संवाद कर रहे हैं। आगामी बजट में सरकार की सबसे बड़ी चुनौती कर्ज की मार से बचना है।पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस साल में कर्जभार लगातार बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक चले लॉकडाउन और लोगों की क्रय शक्ति कम होने के कारण वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजस्व में काफी कमी आई है। इसके कारण सरकार को अपने सामान्य कामकाज के लिए भी बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है। अब तक 33 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज लिया जा चुका है।

वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार के राजस्व अर्जन में पिछले साल के मुकाबले इस साल में करीब 10 फीसदी की कमी आई है। आबकारी, बिक्री कर और स्टांम्प सहित सभी क्षेत्रों में राजस्व कम हुआ है। शनिवार को गहलोत सरकार ने नई आबकारी नीति जारी की। इस नीति में 13 हजार करोड़ का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

सरकार का मानना है कि कोरोना का असर लंबे समय तक रहेगा, ऐसे में बिक्री कर और स्टांप से राजस्व उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल सकेगा। ऐसे में केवल आबकारी विभाग से ही अधिक से अधिक राजस्व हासिल करने के प्रयास होंगे।

सीएम गहलोत ने वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार में बाकी जीएसटी के हिस्से का पैसा लेने का पूरा प्रयास किया जाए। इसके लिए अधिकारियों को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अफसरों से लगातार संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। खुद गहलोत इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख चुके हैं। 

chat bot
आपका साथी