सीएम गहलोत की जनता से विनम्र अपील, अभी कोरोनाकाल चल रहा, शादी में अनुमति से ज्यादा मेहमान नहीं जुटाएं

जोधपुर में बीते दिन और आज करीब पांच सौ के करीब शादिया हुई जिसमे से चार सौ शादी समारोह मध्यम और सामान्य परिवारों के थे। पुलिस प्रशासन से आयोजकों की आंख मिचौली के बीच आमजन की नाराजगी। कोरोना काल में घोषित प्रतिबंध हमारी अपनी सुरक्षा के लिए हैं।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:39 PM (IST)
सीएम गहलोत की जनता से विनम्र अपील, अभी कोरोनाकाल चल रहा, शादी में अनुमति से ज्यादा मेहमान नहीं जुटाएं
वहीं बेटी की विदाई से पूर्व पुलिस प्रशासन का दखल और लिफाफों से ज्यादा पेनेल्टी का भय साफ नजर आया।

रंजन दवे, जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना से बचाव के लिए शादियों के दौरान अनुमति प्राप्त मेहमानों की संख्या से अधिक नहीं जुटने और दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है। इधर सावे शुरू हो चुके हैं। करीब पांच माह बाद देव प्रबोधिनी एकादशी के अबूझ सावे पर कोराना का कहर साफ नजर आया लेकिन महामारी के दौरान भी कई जगह मजबूत पुलिस प्रशासन मजबूर भी नजर आया।

कृपया स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की उपेक्षा न कर खुशी मनाए

विवाह सीजन को केंद्रित कर मुख्यमंत्री ने कहा कि सावे शुरू हो चुके हैं। कृपया स्वास्थ्य प्रोटोकॉल की उपेक्षा न कर खुशी मनाए।सभी से मेरी अपील है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए नियमों का पालन करें। सभी को मास्क पहनना चाहिए, सामाजिक दूरी बनाए रखना चाहिए और  समारोह में आने वाले मेहमानों की संख्या तय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।

कोरोना काल जान बचाने के लिए सभी कदम उठा रही 

राज्य सरकार इस कोरोना महामारी के दौरान जान बचाने के लिए सभी कदम उठा रही है। घोषित प्रतिबंध हमारी अपनी सुरक्षा के लिए हैं। शेष नियमों और नियमों का पालन करके हमें कोरोना को पराजित करना है।

 जोधपुर में बीते दिन और आज करीब पांच सौ के करीब शादिया हुई जिसमे से चार सौ शादी समारोह मध्यम और सामान्य परिवारों के थे। 

अधिकांश नियमावली बेटी का बाप पूरी नहीं कर पाया 

पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने शादियों को लेकर बनी गाईड लाईन के अनुसार इजाजत देने के दौरान कई नियमावली लागू की लेकिन ये नियमावली अधिकांश शादियों में मजबूरी के चलते बेटी का बाप पूरी नहीं कर पाया तो दूसरी ओर कई जगह पर मजबूत पुलिस प्रशासन भी मजबूर नजर आया।वहीं बेटी की विदाई से पूर्व पुलिस प्रशासन की दखल और लिफाफों से ज्यादा की पेनेल्टी का भय उनके चेहरो पर साफ नजर आया।

रिश्तेदारों की संख्या पर वो लोग नियंत्रण नहीं रख पाये

पुलिस और प्रशासन ने इन शादियों के लिये गाइडलाइन में सबसे मुख्य कानून शादी समारोह में पूरे समारोह के दौरान 100 रिश्तेदारों का रखा जिसकी पालना करना बेटी के बाप के लिये संभव नजर नहीं आया। दूसरी तरफ शहर में कही ऐसी भी शादिया बड़े रिसोर्ट होटलो और मैरिज पैलेसों में हुई जहां  पर उन्होंने सेनेटाईजर, सोशल डिस्टेसिंग और अन्य नियमो की पालना तो की लेकिन रिश्तेदारों की संख्या पर वो लोग नियंत्रण नहीं रख पाये।

पुलिस व प्रशासन ने मजबूरी में खेली आंख मिचौली

लेकिन ऐसे अधिकांश ठिकानों पर पुलिस प्रशासन ने भी मजबूरी के चलते आंख मिचौली खेली। हालांकि पुलिस प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने चैकिंग के दौरान विवाह समारोह में व्यवधान नहीं डाल, चुपचाप विडियो रिकार्डिग और फोटोग्राफ भी खींचे और उनके खिलाफ बाद में कार्यवाही करने का निर्णय लिया है।

विवाह सामाजिक आयोजनों पर सख्ती रास नही आ रही 

आमजन में नाराजगी-कोरोना के प्रभाव से जहां आम जन पहले से ही परेशान है वैसे मैं अब पुलिस और प्रशासन की विवाह सामाजिक आयोजनों पर सख्ती रास नही आ रही है। दबे स्वर ही सही लेकिन आमजन को सरकार और प्रशासन के खिलाफ बोलते सुना जा रहा है।

विवाह समारोह में क्यो व्यवधान डाल रहे : आम जनता

आम जनता का मानना है कि जब चुनावों में कोराना कुछ नहीं कर सका तो अब हमारे विवाह समारोह में ही क्यो व्यवधान डाले जा रहे है। दूसरी तरफ जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के भी इस कोराना काल में लापरवाही पूर्वक कृत्य करने और चुनाव प्रचार के दौरान नियमो कायदो को ताक में रखने पर उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से आक्रोश पनप रहा है।

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