Rajasthan: दुष्कर्म के मामले में आरोपित शिक्षक की जमानत खारिज
Bail Rejected Of Teacher कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित शिक्षक महेंद्र चारण की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपित शिक्षक पर युवती को नाबालिक होने के समय से बहला-फुसला कर लगातार शारीरिक संबंध बनाने के साथ ब्लैकमेल कर इच्छा के विरुद्ध जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है।
जोधपुर, (संवाद सूत्र)। Bail Rejected Of Teacher: राजस्थान के जोधपुर में अतिरिक्त सेशन न्यायधीश (महिला उत्पीड़न प्रकरण) ने दुष्कर्म के आरोपित शिक्षक महेंद्र चारण की जमानत याचिका खारिज कर दी है। आरोपित शिक्षक पर युवती को नाबालिक होने के समय से बहला-फुसला कर लगातार शारीरिक संबंध बनाने के साथ ब्लैकमेल कर इच्छा के विरुद्ध जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है। पीड़िता के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने बताया कि पीड़िता ने पुलिस थाना बासनी जोधपुर के समक्ष लिखित सूचना प्रस्तुत कर बताया कि उसके पैतृक गांव गढ़वाडा तहसील रोहिट, पाली जिले के पड़ोस में रहने वाला महेंद्र चारण उसके घर आता-जाता था।
पीड़िता के अनुसार, जब वह 15 वर्ष की थी, तब उसे विवाह के नाम पर बहला-फुसलाकर शारीरिक संबंध बना लिए। बाद में आरोपित शिक्षक ने जोधपुर में किराए के मकान में लगातार शारीरिक संबंध स्थापित बनाए, ब्लैकमेल कर उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म व शारीरिक शोषण भी किया गया। वर्ष 2009 में महेंद्र ने शादी का झांसा देकर अपने घर पर बुलाकर उससे गलत काम किया, बाद में जब भी मौका मिलता गलत काम करता। वर्ष 2011 में उसका सलेक्शन आयुर्वेदिक नर्सिंग में होने पर चयन प्रक्रिया के दौरान महेंद्र ने उसकी नर्सिंग ट्रेनिंग कॉलेज करवङ की बजाय मधुबन आयुर्वेदिक कॉलेज बासनी करवा दी, यहां पर एक किराए का कमरा भी दिलाया और महेंद्र उसके कमरे पर आता-जाता और गलत काम करता।
न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आदेश देते हुए कहा कि पीड़िता से विवाह के नाम पर बहला-फुसलाकर शारीरिक संबंध बनाए गए। इसके बाद भी ब्लैकमेल कर उसकी इच्छा के विरुद्ध दुष्कर्म व शारीरिक शोषण भी किया गया। पीड़िता ने 164 के बयानों में भी आरोप की पुष्टि हुई है। अनुसंधानकर्ता ने भी अपराध प्रमाणित माना है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने जमानत का लाभ देना न्यायोचित ना मानते हुए महेंद्र चारण पुत्र स्वर्गीय करणी दान चारण निवासी ग्राम गढवाङा तहसील रोहट जिला पाली का जमानत प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर खारिज कर दिया। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे व लोक अभियोजक शबनम बानो ने पक्ष रखा।