Chittorgarh Krishna Temple: यहां कृष्ण के साथ होती है मीरा की पूजा

Chittorgarh Krishna Temple राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के मीरा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा या रुक्मणी की जगह मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। चित्तौड़ दुर्ग का मीरा मंदिर तब भगवान श्रीकृष्ण मंदिर नाम था में मीराबाई भक्ति करती थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:12 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:12 PM (IST)
Chittorgarh Krishna Temple: यहां कृष्ण के साथ होती है मीरा की पूजा
राजस्थान में चित्तौड़गढ़ का मीरा मंदिर। फाइल फोटो

उदयपुर, सुभाष शर्मा। मेवाड़ की महारानी भक्त शिरोमणि मीराबाई की बुधवार को जयंती है। समूचे मेवाड़ में मीराबाई की स्मृति में विविध कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मीराबाई को उनकी भक्ति के चलते महत्वपूर्ण स्थान भी मिला है। इसके सबूत विश्व विरासत में शुमार चित्तौड़गढ़ के मीरा मंदिर में देखा जा सकता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा या रुक्मणी की जगह मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। चित्तौड़गढ़ दुर्ग के मीरा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की श्वेत प्रतिमा के साथ मीराबाई की भक्ति करते हुए प्रतिमा स्थापित है। इसके इतिहास को लेकर पुरातत्व की शोध छात्रा आस्था शर्मा बताती है कि मीरा मंदिर सदियों तक मूर्ति विहीन रहा था। जिसमें साल 2002 में प्रतिमा स्थापित किए जाने की योजना बनाई। बिरला सीमेंट के सहयोग से कोलकाता (पूर्व में कलकत्ता) से श्रीकृष्ण और मीराबाई की धवल प्रतिमाएं मंगवाई गईं। शरद पूर्णिमा की रात दोनों ही प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। तब से इस मंदिर में दैनिक रूप से भगवान श्रीकृष्ण और मीराबाई की पूजा हो रही है। बताया गया कि चित्तौड़ दुर्ग का मीरा मंदिर तब भगवान श्रीकृष्ण मंदिर नाम था, में मीराबाई भक्ति करती थी। पांच सौ साल पुराने इस मंदिर को देखकर लोगों को मीराबाई की भक्ति का पता चलता है।

जयपुर और नूरपुर के मंदिर में विराजित हैं मीराबाई

इतिहास में चित्तौड़गढ़ दुर्ग के मीरा मंदिर में नहीं, बल्कि जयपुर और हिमाचल प्रदेश के नूरपुर स्थित मंदिर में मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। जयपुर में आमेर किले के समीप जगत शिरोमणि मंदिर में भी मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। इतिहास की पुस्तकों में यह भी उल्लेख है कि इन दोनों मंदिर में विराजित भगवान की प्रतिमा स्वयं मीरा बाई द्वारा सेवित हैं और इन प्रतिमाओं को मेवाड़ से ही ले जाया गया। आमेर स्थित जगत शिरोमणि मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण विष्णु स्वरूप में हैं और उनकी प्रतिमा काले संगमरमर से बनी हुई है। साल 1576 में हल्दीघाटी युद्ध के बाद जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह प्रथम चित्तौड़ से आमेर ले गए थे। उसी के पास मीरा की मूर्ति भी लगवाई गई। मूल रूप से भगवान विष्णु का यह मंदिर महाराजा सवाई मान सिंह की रानी कर्णावती ने अपने पुत्र जगत सिंह की याद में बनवाया था, इसलिए इसका नाम जगत शिरोमणि मंदिर पड़ा। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के नूरपुर किले के मैदान में बृजराज स्वामी मंदिर में श्रीकृष्ण के साथ मीराबाई की मूर्ति स्थापित है। यहां विराजित भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा मेवाड़ से लाई गई थी। सोलहवीं सदी में नूरपुर के राजा जगत सिंह ये प्रतिमा यहां से ले गए थे और बृजराज स्वामी मंदिर में उसे स्थापित किया था। इस मंदिर में भी मीराबाई की प्रतिमा स्थापित है। इन मंदिरों के अलावा अन्य किसी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के साथ मीराबाई की प्रतिमा होने के प्रमाण नहीं हैं।  

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