राजस्थान के डूंगरपुर में लकड़ी तस्करों ने वन विभाग की टीम को कुचलने का किया प्रयास
वनकर्मियों ने नाकाबंदी के दौरान गीली लकड़ी लेकर जा रहे एक ट्रक को रोकने का प्रयास किया। ट्रक में आम की गीली लकड़ी थी तथा तस्करों ने वनकर्मियों की नाकाबंदी तोड़ी और भाग निकले। वन अधिकारी ने पीछा किया तो वनकर्मियों से मारपीट की।
उदयपुर, संवाद सूत्र। डूंगरपुर जिले में लकड़ी तस्करों ने वन विभाग के अधिकारियों को किया कुचलने की कोशिश की है। मामले का खुलासा घटना के तीन दिन बाद पुलिस केस दर्ज कराए जाने के बाद हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार घटना डूंगरपुर जिले के पूंजपुर-काब्जा मार्ग की रात है। तीन दिन पहले रात बारह बजे वनकर्मियों ने नाकाबंदी के दौरान गीली लकड़ी लेकर जा रहे एक ट्रक को रोकने का प्रयास किया। ट्रक में आम की गीली लकड़ी थी तथा तस्करों ने वनकर्मियों की नाकाबंदी तोड़ी और भाग निकले। जिस पर क्षेत्रीय वन अधिकारी ने साथी कर्मचारियों के साथ विभागीय बोलेरो के साथ उसका पीछा किया तो लकड़ी ले जा रहे ट्रक को एस्कॉर्ट कर रहे वाहन ने वन अधिकारियों की गाड़ी को टक्कर मारी तथा वनकर्मियों ने मारपीट की।
बताया गया कि तस्करों के हमले में क्षेत्रीय वन अधिकारी बाल-बाल बच गए। देरी से रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के मामले में क्षेत्रीय वन अधिकारी सेबूलाल निनामा का कहना है कि घटना के अगले दिन जयपुर में कार्यशाला में भाग लेने जाना था जिसके चलते जयपुर से लौटने के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि तस्करों की मारपीट में वन विभाग के हितेन्द्र सिंह तथा चंद्रवीरसिंह को चोटें आई हैं।
वन विभाग की टीम ने तस्करों के ट्रक को मलापा चौराहे पर खड़ा पाया, वहां पहुंचे तो पहले से हथियार लेकर खड़े तस्कारों ने वनकर्मियों की टीम पर हमला कर दिया था। उन्होंने बताया कि जिले के बोडीगामा, तालाैरा और बनकोड़ा क्षेत्र के जंगल से लकड़ी की तस्करी को लेकर विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी सेबूलाल निनामा ने मलापा गांव निवासी देवराम मीणा, उसके बेटे नरेश एवं दिलीप मीणा, अमृत मीणा, उसके भाई पूंजा, बेटा किशोर तथा भवेश के खिलाफ आसपुर थाने में मामला दर्ज कराया गया है।