ऐसा क्या हुआ कि उदयपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में मरीजों का उपचार पर लगी रोक, रजिस्ट्रेशन किया निरस्त

मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल पर जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग का बेड़ा पुलिस जाब्ते के साथ आया और अस्पताल को सीज कर दिया गया। इससे पहले वहां भर्ती मरीजों को शहर के दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। कई एम्बुलेंसों को देखकर व्यक्ति किसी अनहोनी की आशंका से वहां ठहर गए।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 11:29 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 11:29 AM (IST)
ऐसा क्या हुआ कि उदयपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में मरीजों का उपचार पर लगी रोक, रजिस्ट्रेशन किया निरस्त
उदयपुर के शर्मा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल को सीज करते हुए जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारी।

उदयपुर, संवाद सूत्र। जिला प्रशासन ने उदयपुर के एक बड़े निजी क्षेत्र के अस्पताल पर क्लिनिकल एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए उसका रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया अब इस अस्पताल में मरीजों का उपचार नहीं हो पाएगा। यही नहीं अस्पताल प्रबंधन पर भर्ती मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय उपलब्धता नही करवा पाने, इलाज के दौरान लापरवाही बरतने एवं मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

यहां उदयपुर-नाथद्वारा रोड स्थित शर्मा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल पर बुधवार शाम जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग का बेड़ा पुलिस जाब्ते के साथ आया और अस्पताल को सीज कर दिया गया। इससे पहले वहां भर्ती मरीजों को शहर के दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। एक के बाद कई एम्बुलेंसों को देखकर मार्ग से गुजर रहे व्यक्ति किसी अनहोनी की आशंका से वहां ठहर गए। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात किया गया था। हालांकि बाद में लोगों को पता चला कि अस्पताल का पंजीयन जिला प्रशासन ने रद्द करते हुए यहां मरीजों के उपचार पर पूरी तरह रोक लगा दी है। मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश खराड़ी, गिर्वा उपखंड अधिकारी अपर्णा गुप्ता, तहसीलदार हिम्मत सिंह राव, सुखेर थानाधिकारी रोशन लाल भी मौजूद थे।

सीएमएचओ डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि क्लिनिकल एक्ट के तहत यह कार्रवई की गई है। अस्पताल में दर्शाए गई बेड क्षमता, चिकित्सकों की उपलब्धता एवं अन्य तथ्यों की जाँच के लिए जिला कलेक्टर द्वारा जाँच दल गठित किया गया था। जाँच रिपोर्ट में उक्त अस्पताल में चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति से लेकर अन्य कई गंभीर अनियमितताएं पाई गई, जिसके आधार पर अस्पताल द्वारा न्यूनतम मानकों की पालना नही करना पाए जाने पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है।

इसकी जानकारी अस्पताल के मुख्य द्वार पर चस्पा कर दी गई है। साथ ही भर्ती मरीजों को पर्याप्त चिकित्सकीय उपलब्धता नही करवा पाने, इलाज के दौरान लापरवाही बरतने एवं मरीज के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के कारण अस्पताल के विरुद्ध सुखेर थाने में प्राथमिकीदर्ज करवाई गई है। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत अस्पताल में संचालित सोनोग्राफी मशीन को भी सीज कर दिया गया है।

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