जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया बोले, राजस्थान में बिजली उत्पादन की बड़ी संभावना

मेवाड़ और प्रदेश में सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने की बात कही। बांसवाड़ा जिले स्थित माही बांध से गुजरात जाने वाला नर्मदा नदी का पानी रोका जाएगा। कांग्रेस में गुटबाजी नहीं है। भाजपा का काम झूठ बोलने का है। कृषि कानून वापस लेने पड़े और प्रधानमंत्री को माफी मांगनी पड़ी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 11:21 PM (IST)
जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया बोले, राजस्थान में बिजली उत्पादन की बड़ी संभावना
उन्होंने माही डैम और जाखम की कैनाल और देवास डैम के काम को प्राथमिकता में लिया है।

 उदयपुर, संवाद सूत्र। जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि राजस्थान में ऐसे छोटे—बड़े बांध मौजूद हैं, जहां बिजली निर्माण संभव है। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद शुक्रवार को मालवीया पहली बार उदयपुर आए थे। मालवीया ने कहा कि जल संसाधन मंत्री होने के नाते मेवाड़ और प्रदेश में सिंचाई सिस्टम को दुरुस्त करने की बात कही। उन्होंने कहा कि माही डैम के बाद मेवाड़ रीजन में कोई उपलब्धि लायक काम नहीं हुआ। ऐसे में प्रयास करेंगे कि मेवाड़ को इस क्षेत्र में मजबूत विकास देखने को मिले। उन्होंने कहा कि उदयपुर और कोटा डिवीजन में काफी पानी है, यहां बड़े डैम, छोटे डैम और बिजली उत्पादन किया जा सकता है और कैनाल सिस्टम बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने माही डैम और जाखम की कैनाल और देवास डैम के काम को प्राथमिकता में लिया है।

गुजरात जाने वाले पानी को रोका जाएगा

कैबिनेट मंत्री मालवीया ने कहा है कि राज्य के बांसवाड़ा जिले में स्थित माही बांध से गुजरात जाने वाला नर्मदा नदी का पानी रोका जाएगा। अब तक 40 टीएमसी पानी गुजरात जा रहा था, किन्तु अब एक भी बूंद पानी गुजरात नहीं जाने दिया जाएगा। इस पानी को रोककर बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले के किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।

कांग्रेस में नहीं, भाजपा में है गुटबाजी

कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कहा कि कांग्रेस में किसी तरह गुटबाजी नहीं है। असल गुटबाजी भाजपा में चल रही है। उन्होंने कहा कि इनकी नेता वसुंधरा राजे मेवाड़ यात्रा करके गई हैं लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उनके समर्थक उनसे नहीं मिले। उन्होंने कहा कि भाजपा का काम झूठ बोलने का है। तीन कृषि कानून इसीलिए वापस लेने पड़े और प्रधानमंत्री तक को माफी मांगनी पड़ी।

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