Rajasthan: वासुदेव देवनानी बोले-अशोक गहलोत का सारा ध्यान सचिन पायलट खेमे से निपटने पर, राजस्थान की हालत खराब
Rajasthan वासुदेव देवनानी ने कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को बाहरी बताने वाले कांग्रेसी सोनिया गांधी के बारे में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। जबकि पायलट को इसी देश के हैं लेकिन सोनिया गांधी तो विदेशी हैं।
अजमेर, संवाद सूत्र। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट को बाहरी बताने वाले कांग्रेसी सोनिया गांधी के बारे में चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। जबकि पायलट को इसी देश के हैं, लेकिन सोनिया गांधी तो विदेशी हैं। उन्होंने कहा कि आंतरिक कलह के कारण कांग्रेस सरकार चला नहीं पा रही है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है। देवनानी ने गुरुवार को कांग्रेसियों के बीच चल रहे सियासी घमासान पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस पूरी तरह आंतरिक कलह में डूबी हुई है। कांग्रेस के जो विधायक किसी समय पायलट के गुणगान करते हुए थकते नहीं थे, वही अब पायलट को कोसने लगे हैं। कांग्रेसियों ने पहले पायलट को नकारा और मक्कार बताया था, तो अब उन्हें बाहरी बता रहे हैं।
देवनानी ने कहा कि आखिर यह बात समझ में नहीं आती है कि कांग्रेसी इतनी जल्दी कैसे पाला बदल लेते हैं।
देवनानी ने सवाल किया कि जो कांग्रेसी खुद अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं के सगे नहीं हुए, तो आम जनता के सगे कैसे होंगे। उन्होंने कहा कि दरअसल सारा खेल सत्ता में भागीदारी को लेकर बना हुआ है। कांग्रेसी विधायकों के साथ-साथ अब तो निर्दलीय विधायक भी बंटे हुए हैं। जो निर्दलीय विधायक पहले पायलट के साथ थे, वही अब उनसे किनारा कर मंत्री पद के लालच में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का राग अलापने लगे हैं। देवनानी ने कहा कि दरअसल कांग्रेसियों के बीच चल रही उठापटक के कारण सरकार का सारा ध्यान इससे निपटने में लगा हुआ है। उसे प्रदेश की जनता की रत्तीभर भी परवाह नहीं है।
गहलोत को केवल अपनी कुर्सी बचाने की चिंता सता रही है और वे अपनी पूरी ताकत पायलट खेमे से जूझने में लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में एक भी ऐसा कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला, जो कोरोना से ठीक होने के बाद फिर से दो माह के लिए क्वारंटाइन हुआ हो, लेकिन मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए दो माह के लिए क्वारंटाइन हो गए हैं। इससे यह साबित होता है कि गहलोत अपनी ही पार्टी के विधायकों से कितने घबराए हुए हैं। सरकार की ढिलाई के कारण प्रदेश में पानी-बिजली की व्यवस्था पूरी तरह गड़बड़ा गई है। जनता को ना पानी और ना ही बिजली पूरी समय व नियमित रूप से मिल पा रही है। हैंडपंप खराब पड़े हैं, जिन्हें ठीक कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। आए दिन युवतियों और बालिकाओं से दुष्कर्म, हत्या, चोरी, डकैती, लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं। गृह विभाग मुख्यमंत्री गहलोत के पास है, फिर भी वे कानून-व्यवस्था सुधारने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं।