Unique Marriage: एक दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों संग लिए सात फेरे

Unique Marriage एक दूल्हे ने दो दुल्हनों के संग सात फेरे लिए। इस दौरान दोनों ही दुल्हनों के परिजन भी मौजूद रहे। दूल्हा पक्ष ने शादी के कार्ड में दोनों दुल्हनों के नाम भी छपवा। एक दूल्हे और दो दुल्हनों का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 07:41 PM (IST)
Unique Marriage: एक दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों संग लिए सात फेरे
एक दूल्हे ने एक ही मंडप में दो दुल्हनों संग लिए सात फेरे। फाइल फोटो

उदयपुर, संवाद सूत्र। Unique Marriage: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में एक दूल्हे ने दो दुल्हनों के संग सात फेरे लिए। इस दौरान दोनों ही दुल्हनों के परिजन भी मौजूद रहे। दूल्हा पक्ष ने शादी के कार्ड में दोनों दुल्हनों के नाम भी छपवा। एक दूल्हे और दो दुल्हनों का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। पड़ताल की गई तो पता चला कि यह मामला बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी कड़दा गांव का है। यहां शनिवार रात अनोखी शादी हुई। यहां दूल्हे दिनेश पुत्र कमजी पटेल ने एक साथ दाे दुल्हनों (बरजडिया निवासी सीता और आंबा निवासी गीता) के साथ सात फेरे लिए। इस शादी में दाेनाें ही दुल्हनाें के परिजन भी शामिल हुए। इस शादी में पूरा गांव शामिल हुआ। सोशल मीडिया पर शादी से जुड़े वीडियाे वायरल हुए ताे शादी चर्चा में आ गई।

इस तरह मिली परिजनों की सहमति

दिनेश नाता प्रथा के तहत एक दुल्हन को अपने घर ले आया, जबकि उसकी सगाई दूसरी युवती से पहले ही हो गई। इसके बाज उसने दोनों के साथ एक ही मंडप में शादी करने का फैसला किया। इस पर उसके तथा दुल्हन पक्ष के परिजनों की सहमति भी मिल गई। उदयपुर संभाग के आदिवासी क्षेत्र में एक से अधिक पत्नियां रखने की परंपरा है, जिसमें वह आदिवासियों की नाता प्रथा के तहत युवती से शादी कर लेते हैं। जिसे आदिवासी समाज मान्यता प्रदान करता है। बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी के कड़दा गांव में शादी करने वाला दूल्हा दिनेश पटेल निर्माण कार्य की ठेकेदारी करता है तथा गुजरात में काम के दौरान उसने नाता प्रथा से शादी कर ली। हालांकि उससे पहले उसकी सगाई एक अन्य युवती से हो चुकी थी। एक साल से परिवार ने उसके रिश्ते को मान्यता नहीं दी, लेकिन पिछले दिनों दिनेश पटेल तथा दोनों युवतियों के परिजनों ने इसे स्वीकार कर लिया था। दूल्हा बने दिनेश का कहना था कि एक ही दिन पहले इसकी सहमति बनी और उसने चट मंगनी पट ब्याह कहावत के अनुसार तत्काल शादी कर ली। आनन-फानन में शादी के कार्ड छपवाए तथा एक ही दिन में शादी की सभी रस्म पूरी कर ली। उसने कहा कि शादी में कोरोना गाइड लाइन की पालना की गई।

जानें, क्या है नाता प्रथा

उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर के साथ चित्तौड़गढ़ जिले के अधिकांश हिस्सों में आदिवासी शादी के लिए नाता प्रथा को मानते आए हैं। सामाजिक बुराई के बावजूद बिना शादी के ही लोग जिंदगी भर साथ रहते हैं। इसे कानूनी मान्यता तो नहीं, लेकिन सामाजिक मान्यता अवश्य है। उदयपुर के सांसद अर्जुनलाल मीणा की भी दो पत्नियां हैं। एक पत्नी उनकी गैस एजेंसी तथा अन्य कारोबार को संभालती है, जबकि दूसरी पत्नी घर संभालती है।  

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