Rajasthan: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, राजस्थान में अराजकता का माहौल

Rajasthan केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्थान में अराजकता का माहौल बनाया है। माताओं और बहनों की इज्जत तार-तार हो रही है। व्यवस्थाओं का चीरहरण हो रहा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:45 PM (IST)
Rajasthan: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, राजस्थान में अराजकता का माहौल
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले, राजस्थान में अराजकता का माहौल। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि हम आने वाले ढाई साल तक जब तक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक इस सरकार को न चैन से जीने देंगे और न बैठने देंगे। शनिवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्थान में अराजकता का माहौल बनाया है। माताओं-बहनों की इज्जत तार-तार हो रही है। व्यवस्थाओं का चीरहरण हो रहा है। थानों में अपराधियों को छुड़ाए जाने से लेकर आरपीएससी में नंबर बढ़ाने जाने तक खेल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के भविष्य, युवाओं और खोए हुए गौरव को वापस लौटाने के लिए हम सब लोग मिलकर इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।

गोविंद सिंह डोटासरा का नाम लिए बगैर पूछा, कैसे मिले 80 नंबर

मीडिया से बातचीत में शेखावत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदारों के आरएएस चयनित होने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। डोटासरा के नाम लिए बगैर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरएएस परीक्षा का परिणाम आने के बाद संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं पर प्रश्नचिह्न नहीं खड़े किए जाने चाहिए, लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि जितनी स्वच्छता और सुचिता होनी चाहिए, शायद उसमें कहीं न कहीं समझौता हुआ है, वरना यह संभव नहीं था कि एक से 16 नंबर तक जो रैंक में आए हैं, उनमें किसी को भी 80 नंबर इंटरव्यू में नहीं मिले, जबकि ऐसे लोग, जिनके लिखित परीक्षा में 50 प्रतिशत से कम मिले, उनको इंटरव्यू में 80 प्रतिशत अंक मिले। शेखावत ने कहा कि इससे संदेह की सुइयां आरपीएससी और राज्य सरकार पर तरफ घूमती हैं। जैसे मीडिया से जानकारी प्राप्त हुई, जिस तरह से अवैधानिक तरीके से ओबीसी के प्रमाण-पत्र बनाए गए, इसकी जांच भी होनी चाहिए, ताकि योग्य युवाओं, जो वास्तव में हकदार हैं, जिनको वास्तव में आवश्यकता है, उनके साथ न्याय हो। 

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