Rajasthan: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा- मुख्यमंत्री के इशारे पर खेला गया है यह खेल

राज्य सरकार द्वारा जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने के मामले में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर राजनीतिक द्वेष की पराकाष्ठा पर उतर आए हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 02:09 PM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 02:09 PM (IST)
Rajasthan: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा- मुख्यमंत्री के इशारे पर खेला गया है यह खेल
जोधपुर सांसद केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत

जोधपुर, जागरण संवाददाता। जोधपुर सांसद केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने की कारवाई को जनमत का अपमान बताया और कहा कि यह लोकतन्त्र की हत्या है। यह खेल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर खेला गया है। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।

राज्य सरकार द्वारा जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने के मामले में केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर राजनीतिक द्वेष की पराकाष्ठा पर उतर आए हैं। राज्य सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और पार्षदगण पारस जैन, अजय सिंह चौहान और शंकर शर्मा को एकतरफा कार्रवाई में निलंबित कर दिया है। केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि यह जनमत का अपमान है, लोकतंत्र की हत्या है। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस तरह सस्पेंड नहीं किया जा सकता, विशेषकर तब जब उनका पक्ष नहीं सुना गया हो और मामले का सच सामने न आया हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री के इशारे पर किया गया खेल है, जयपुर में फैली सरकारी अव्यवस्था से ध्यान हटाने की कोशिश है।

यह निलंबन भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं के प्रति कांग्रेस की खीज है

सोशल मीडिया पर इस मामले में टिप्पणी करते हुए केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि पिछले साल गहलोत साहब लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे थे, और आज उसी लोकतंत्र की हत्या भी कर दी। जयपुर ग्रेटर महापौर और पार्षदों का निलंबन कांग्रेस का फासीवाद है।राजस्थान इस फासीवाद को पनपने नही देगा। उन्होंने कहा कि यह निलंबन भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं के प्रति कांग्रेस की खीज है। उन्होंने कहा कि यह गहलोत सरकार की अपनी विफलता को न समेट पाने की खीज है।

केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि यह आपदा में कांग्रेस की चोरी पकड़े जाने की खीज है।जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों को बिना उनका पक्ष सुने निलंबित नही किया जा सकता। गहलोत जी ये 1975 के आपातकाल या 1984 के नरसंहार का समय नहीं है, इस बार तो जवाब देना होगा। कब तक कांग्रेस राज्य की व्यवस्थाओं का दुरुपयोग करेगी? 

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