Rajasthan: तस्करों से मोटी रकम ऐंठकर मदद करने वाले दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

भीलवाड़ा जिले में तस्करों द्वारा फायरिंग कर दो पुलिसकर्मियों की हत्या का मामला दोनों पुलिसकर्मियों पर तस्करों की गाड़ियों को पार करवाने और बदले में मोटी राशि वसूलने के अलावा साथी जवानों की हत्या के बाद तस्करों की भागने में मदद करने जैसे गंभीर आरोप हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 01:34 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 01:45 PM (IST)
Rajasthan: तस्करों से मोटी रकम ऐंठकर मदद करने वाले दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार
तस्करों से मोटी रकम ऐंठकर मदद करते वाले दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

उदयपुर, संवाद सूत्र। भीलवाड़ा जिले में बीस दिन पहले तस्करों की फायरिंग में मारे गए दो पुलिसकर्मियों की जान बच सकती थी, यदि उनके साथी पुलिसकर्मी तस्करों का साथ नहीं देते। शनिवार रात भीलवाड़ा जिला पुलिस ने दो पुलिसकर्मियों को तस्करों का साथ देने के मामले में गिरफ्तार कर लिया। मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में गंगापुर का सिपाही महेश निठारवाल और शाहपुरा थाने का सिपाही सुनील राम विश्नोई शामिल हैं। दोनों पुलिसकर्मियों पर तस्करों की गाड़ियों को पार करवाने और बदले में मोटी राशि वसूलने के अलावा साथी जवानों की हत्या के बाद तस्करों की भागने में मदद करने जैसे गंभीर आरोप हैं।

जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि पिछले महीने 10-11 अप्रैल की मध्यरात्रि को कोटड़ी थाने के कांस्टेबल औंकार रायका व रायला थाने के कांस्टेबल पवन चौधरी की तस्करों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले की जांच में स्थानीय पुलिस कांस्टेबलों की संलिप्तता की जानकारी मिली और इस मामले में अनुसंधान जारी था। जिसमें खुलासा हुआकि गंगापुर थाने में तैनात कांस्टेबल भारणी, रींगस निवासी महेश पुत्र ख्यालीराम निठारवाल व शाहपुरा थाने के कांस्टेबल नांदड़ा कलां, जोधपुर निवासी सुनील राम पुत्र भिया राम विश्नोई का पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या करने वाले मादक पदार्थ तस्करों की गैंग से संबंध होने का पता चला। दोनों कांस्टेबल, मादक पदार्थ तस्करों की गैंग से रुपए लेकर उनकी मादक पदार्थ से भरी गाडिय़ां भीलवाड़ा जिले से पार करवाते थे। उसके बदले तस्करों से मोटी रकम ऐंठते थे।

दस अप्रैल को कोटड़ी थाना क्षेत्र में तस्करों सुनील डूडी व राजू फौजी गैंग ने फायरिंग कर कांस्टेबल औंकार की हत्या कर दी। इसके बाद भी दोनों आरोपित कांस्टेबल महेश निठारवाल व सुनील बाबल ने तस्करों की गैंग से संपर्क किया। उन्हें जिले में हो रही नाकाबंदी के बारे में जानकारी दी। साथ ही इन तस्करों को भागने के लिए सुरक्षित रूट के लिये सुझाव दिए। इतना ही नहीं, तस्करों को भागने में उनकी मदद की। आरोपित कांस्टेबल ने तस्करों को प्रकरण में आवश्यक साक्ष्य नष्ट करने व छुपाने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से सहायता की।

पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पुलिस विभाग में कार्यरत होते हुये अपराध और अपराधी के विषय में सूचना देने के लिए वैद्यानिक रूप से प्रतिबद्ध होते हुये भी आरोपित कांस्टेबलों ने घटना के षड्यंत्र में शामिल होकर साक्ष्यों को नष्ट करने व तस्करों को भगाने में सहयोग करने का कृत्य किया। इसके चलते आरोपित कांस्टेबल महेश निठारवाल व सुनीलराम विश्नौई को गिरफ्तार किया गया है। रविवार को उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

यह था मामला

दस अप्रैल की देर रात जिले के कोटड़ी पुलिस श्रीचारभुजा नाथ मंदिर के पास नाकाबंदी करके वाहनों की जांच की जा रही थी। रात करीब 11 बजे चार वाहन तेज गति से आए। पुलिस ने इन वाहनों को रोकने की कोशिश की तो सबसे आगे चल रही कार में सवार तस्करों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें कांस्टेबल ओंकार रायका के सीने में गोली लगी और उसकी कुछ घंटे बाद एमजी अस्पताल में मौत हो गई। इन्हीं तस्करों ने फायरिंग की दूसरी वारदात रात 2.30 बजे रायला इलाके में की और यहां पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसमें कांस्टेबल पवन चौधरी को मौके पर ही मौत हो गई थी।  

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