Rajasthan: 135 लोगों से सात करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में दो गिरफ्तार
Rajasthan राजस्थान में उदयपुर सेंट्रल जेल से दिल्ली पुलिस ने ऐसे दो ठगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने फर्जी निवेश के जरिए 135 लोगों के सात करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गबन कर लिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। दिल्ली पुलिस ने राजस्थान में उदयपुर सेंट्रल जेल से ऐसे दो ठगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी निवेश के जरिए 135 लोगों के सात करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गबन कर लिया। इनके एक साथी को पुलिस एक दिन पहले हरियाणा के हिसार से गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपितों ने मछली पालन, फूलों की खेती तथा औषधीय पौधारोपण के कारोबार में निवेश कर ज्यादा मुनाफा देने का लालच देकर लोगों के निवेश की राशि हड़प ली थी और दिल्ली पुलिस दो साल से उनकी तलाश में जुटी थी। उदयपुर की सेंट्रल जेल से रवि कुमार तथा गजानंद कौशिक को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा अपने साथ दिल्ली ले जा चुकी है।
135 लोगों से सात करोड़ की ठगी
जबकि उनके साथी और ठगी के मुख्य आरोपित राजेश कुमार को हरियाणा के हिसार से एक दिन पहले ही पकड़ चुकी थी। तीनों आरोपितों पर 135 लोगों के साथ सात करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक, राजेश कुमार लौरा इस घोटाले का प्रमुख आरोपित है। उसने अपने सहयोगियों की मिलीभगत कर निवेशकों की राशि का गबन कर लिया। जिसको लेकर साल 2019 में आरोपितों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया था। मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर्थिक अपराध शाखा के आरके सिंह ने की और उनकी जांच से पता चला कि लुभावनी योजना तथा लालच में आकर लोगों ने उनकी योजना में जमकर निवेश किया।
इससे पहले जोधपुर में एक कंपनी को जीएसटी सहित अन्य कर से जुड़े कार्य करने के लिए खुद को एक्सपर्ट बता एक सीए ने 16 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। होटल के मैनेजर ने सीए के विरुद्ध मामला दर्ज करवाया है। सदर कोतवाली पुलिस ने बताया कि संदीप भंडारी ने खुद को जीएसटी प्रेक्टिशनर व एक्सपर्ट बताते इंपोर्ट- एक्सपोर्ट हुए भीतरी शहर स्थित होटल रास हवेली ग्रुप के कुछ काम करवाए। जब कंपनी को लगा कि संदीप उपयोगी हो सकता है, तो उससे अपने जीएसटी से जुड़े काम करने के लिए बात की। इसके लिए संदीप ने एडवांस 16 लाख रुपये की फीस मांगी। कंपनी ने उसकी सेवाओं के लिए जुलाई में 11 लाख रुपये व अगस्त में पांच लाख रुपये बैंक के माध्यम से अदा कर दिए, लेकिन इस बीच संदीप ने कंपनी का काम कोई काम नहीं किया।