जासूसी के दो आरोपित आईएसआई से 15 दिन का प्रशिक्षण लेकर आए थे, दो गिरफ्तार एक हिरासत में

राजस्थान के महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि नवाब के मोबाइल में सामरिक महत्व के अहम दस्तावेज मिले हैं। वह फायरिंग रेंज में सेना के मूवमेंट की जानकारी लेकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हैंडलर्स को भेजता था। उसे हवाला के जरिए पैसे मिलते थे।

By Priti JhaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 12:56 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 12:56 PM (IST)
जासूसी के दो आरोपित आईएसआई से 15 दिन का प्रशिक्षण लेकर आए थे, दो गिरफ्तार एक हिरासत में
जासूसी के दो आरोपित आईएसआई से 15 दिन का प्रशिक्षण लेकर आए थे

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़े गए नवाब खान और फतन खान ने खुफिया एजेंसी की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। दोनों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि दोनों ने पाकिस्तान जाकर आईएसआई से 15 दिन का प्रशिक्षण लिया था। आईएसआई के हैंडलर्स ने उन्हे भारतीय सेना एवं सैन्य क्षेत्रों से जुड़ी जानकारी देने का प्रशिक्षण दिया था । उन्हे बताया गया था कि कैसे जानकारी जुटाएं और फिर कैसे हैंडलर्स तक भेजें । नवाब और फतहन साल, 2015 से आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं। उस समय वह पाकिस्तान अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे ।

वहीं आईएसआई के सम्पर्क में आए और प्रशिक्षण लेने के बाद भारत आकर जासूसी करने लगे। दोनों के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान के महानिदेशक इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि नवाब के मोबाइल में सामरिक महत्व के अहम दस्तावेज मिले हैं। वह फायरिंग रेंज में सेना के मूवमेंट की जानकारी लेकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हैंडलर्स को भेजता था। उसे हवाला के जरिए पैसे मिलते थे।

मिश्रा ने बताया कि हवाला से पैसों के लेन-देन के दौरान नवाब इंटेलिजेंस की निगरानी में आया था। आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया । नवाब से हुई पूछताछ के आधार पर फलसूंड गांव के फतन खान को गिरफ्तार किया गया । दोनों से जयपुर में हुई पूछताछ के बाद रविवार को फलसूंड के ही एलआईसी एजेंट पप्पू देवासी को हिरासत में लिया गया है।

दुकान की आड़ में करते थे जासूसी

नवाब की चांधन में मोबाइल फोन और फोटो स्टेट की दुकान है। दुकान की आड़ में ही वह आईएसआई के लिए जासूसी करता था । वह अपनी दुकान पर मोाबाइल रिचार्ज कराने या नया सिम कार्ड लेने वालों के दस्तावेज की फोटो कॉपी अपने पास रख लेता था । इसके बाद ओटीपी अपने हैंण्डलर्स को को भेजता था । पाकिस्तान में बैठे हैण्डलर्स इन मोबाइल नम्बरों का उपयोग सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर सैंन्यकर्मियों अथवा अन्य लोगों को जासूसी में फंसाने के लिए करते थे।

मिश्रा ने बताया कि फतन टायर की दुकान करता है। फतन मूल रूप से बाड़मेर जिले के शिव गांव का निवासी है। लेकिन कई सालों से फलसूंड में रह रहा है। इस दौरान वह नवाब के सम्पर्क में आया और फिर उसके साथ पाकिस्तान गया था । 

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