Cancer: ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई के लिए महिलाएं पहले स्वयं को जांचें फिर डाक्टर की लें सलाह

ब्रेस्ट कैंसर में महिलाएं पहले स्वयं को जांचें फिर डाक्टर की सलाह लें।स्तन में गांठ त्वचा में परिवर्तन निपल या स्तन के आकार में बदलाव होने पर बिना हिचके डाक्टर की सलाह लें।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 03:28 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 03:28 PM (IST)
Cancer: ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई के लिए महिलाएं पहले स्वयं को जांचें फिर डाक्टर की लें सलाह
Cancer: ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई के लिए महिलाएं पहले स्वयं को जांचें फिर डाक्टर की लें सलाह

अजमेर, ( जागरण संवाददाता)। ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई के लिए महिलाएं पहले स्वयं को जांचें फिर डाक्टर की सलाह लें। स्तन में गांठ, त्वचा में परिवर्तन, निपल या स्तन के आकार में बदलाव अथवा कोई डिस्चार्ज होने पर बिना हिचके डाक्टर से परामर्श लें।

मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर के कैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ अर्पित जैन ने ख्वाजा माॅडल स्कूल में ब्रेस्ट कैंसर पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए यह सलाह दी। ब्रेस्ट कैंसर जांच एवं बचाव विषय पर हुई इस कार्यशाला का आयोजन ख्वाजा गरीब नवाज डिस्पेंसरी दरगाह कमेटी, दरगाह ख्वाजा साहब अजमेर की ओर से किया गया था।

कार्यशाला में डेढ़ सौ से अधिक स्कूली छात्राएं, महिला कर्मचारी, अध्यापिकाओं के अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला सामाजिक कार्यकताओं ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में अजयमेरू विद्यालय सोमलपुर की निदेशक धनित्रा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं महिला कांग्रेस शहर जिलाध्यक्ष सबा खान, स्वतंत्र पत्रकार शिखा शर्मा, अतिथि के रूप उपस्थित थीं।

डाॅ अर्पित जैन ने पावर प्रजेंटेशन के जरिए महिलाओं को स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार में सबका ध्यान रखती हैं पर सामान्य तौर पर स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होती। देश के ग्रामीण परिवेश में रहने वाली महिलाएं हों या शहरी वे स्तन कैंसर, बच्चेदानी का कैंसर, महावारी आदि से जुड़े रोग और तकलीफों को छिपाती रहती हैं। नतीजा होता है कि रोग बढ़ जाता है।

उन्होंने बताया कि स्तन का कैंसर भारत में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। यह हार्मोन एक्सपोजर होने, मोटापा होने, एल्कोहल का सेवन करने या परिवार में ऐसी कोई पुश्तेनी बीमारी का इतिहास होने की स्थिति में होता है। इन सभी कारणों का बचाव किया जा सकता है। अच्छा भोजन, नियमित व्यायाम, स्वयं के शरीर की नियमित जांच, एक्स रे, डाक्टर की सलाह आदि के जरिए रोग का प्रारम्भिक अवस्था में ही पता चलने पर उससे लड़ा जा सकता है।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता सबा खान व धनित्रा ने भी विचार रखे। छात्राओं व अध्यापिकाओं ने स्तन कैंसर से संबंधित सवाल पूछे जिसका डाॅ अर्पित जैन ने जवाब दिया। 

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