Rajasthan: रणथंभौर टाइगर रिजर्व में दिल का दौरा पड़ने से हुई थी टाइगर टी-65 की मौत
Rajasthan सवाईमाधोपुर जिले के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर टी-65 की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। टाइगर की मौत के मामले में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की विसरा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टाइगर टी-65 की गत दिनों मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। टाइगर-65 की मौत के मामले में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) की विसरा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रणथंभौर के मेडिकल बोर्ड ने भी इसी बात की आशंका जताई थी, लेकिन रिपोर्ट पुख्ता नहीं थी। अब आइवीआरआइ की रिपोर्ट आने के बाद साफ हो गया कि टाइगर-65 की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। वन विभाग ने कोविड-19, पेरासाइट, बैक्टीरीयल इंफेक्शन, सामान्य जहर और वेरासाइट सहित सभी तरह की जांच करवाई थी। वन विभाग को इस बात की आशंका थी कि टाइगर को जहर देकर मारा गया था, लेकिन अब साफ हो गया कि टाइगर की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। उल्लेखनीय है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व की खंडार रेंज में वनकर्मियों को छह जुलाई को टाइगर टी-65 उर्फ सूरज का शव मिला था। उसका आधा शव तालाब के पानी में डूबा हुआ मिला था।
गौरतलब है कि राजस्थान में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर टाइगर रिजर्व में जूनियर मछली के नाम से प्रसिद्ध बाघिन टी-84 ने दो शावकों को जन्म दिया है। इस बाघिन को ऐरोहेड नाम से भी जाना जाता है। मंगलवार शाम कैमरा ट्रैप में बाघिन दो शावकों के साथ नजर आई। बाघिन की चाल और शारीरिक बदलाव के कारण काफी समय से ऐसा माना जा रहा था कि यह शावकों को जन्म देने वाली है। वन विभाग के कर्मचारी लगातार इस पर नजर रख रहे थे। वन विभाग के कर्मचारियों के अनुसार, बाघिन के स्तन काफी भारी नजर आए। इनमें दूध भी भरा हुआ था, लेकिन शावकों के साथ यह मंगलवार शाम नजर आई। बाघिन और शावकों का फोटो रणथंभौर के कामलधार इलाके में ट्रेप हुआ है। शावकों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है, लेकिन फिलहाल दो ही शावक नजर आ रहे हैं।