Rajasthan: भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे तीन अफसरों को नहीं मिली राहत, मुकदमा वापस लेने की याचिका खारिज
Rajasthan कोर्ट ने जयपुर के एकल पट्टा जारी करने के मामले में राज्य सरकार के तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी जीएस संधु जेल जा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मामलों की कोर्ट ने जयपुर के एकल पट्टा जारी करने के मामले में राज्य सरकार के तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी जीएस संधु जेल जा चुके हैं। अशोक गहलोत सरकार ने संधु को स्वायत्त शासन विभाग का सलाहकार बनाया है। संधु, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की अर्जी सरकार की तरफ से लगाई गई थी। इस अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया। अब तीनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने संधु को अमेरिका जाने की सशर्त मंजूरी दी है। उन्हें अमेरिका जाने से पहले शपथ पत्र पेश करना होगा। साथ ही, कोर्टने ने यह भी कहा कि नौ दिसंबर से पहले उन्हें अमेरिका छोड़ना होगा।
जानें, क्या है मामला
जयपुर की कोर्ट ने कहा कि संधु पासपोर्ट और वीजा को लेकर संबंधित अधिकारियों के समक्ष केस की जानकारी देने को लेकर शपथ पत्र दें। सरकार की तरफ से यह कहते हुए केस वापस लेने की सिफारिश रखी कि संधु सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दो अन्य गैर जरूरी तौर पर केस का सामना कर रहे हैं। इससे अन्य अफसरों का मनोबल गिरेगा। इस कारण तीनों के खिलाफ केस को वापस लेने की मंजूरी दी जाए। वहीं, परिवादी रामशरण सिंह के वकील संदेश खंडेलवाल ने कहा कि यह भ्रष्टाचार का बेहद गंभीर मामला है। सरकार द्वारा केस वापस लेना जनहित में नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद राज्य सरकार की अर्जी खारिज कर दी। उल्लेखनीय है कि करीब दस साल पहले जयपुर की गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को एकल पट्टा जारी करने के मामले में संधु पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में जेल गए थे। फिलहाल वह जमानत पर चल रहे हैं।