राजस्थान में सवाईमाधोपुर के रणथंभौर में बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया

बाघिन कई दिनों से कैमरा ट्रैप में नहीं हो रही थी। चारों शावकों की उम्र करीब दो माह बताई जा रही है। रणथंभौर बाघ परियोजना क्षेत्र के वन अधिकारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि इनकी मॉनिटरिंग के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए जा रहे हैं।

By Priti JhaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 01:36 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 01:41 PM (IST)
राजस्थान में सवाईमाधोपुर के रणथंभौर में बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया
रणथंभौर में बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सवाईमाधोपुर स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय अभयारण्य में बाघिन टी-111 ने चार शावकों को जन्म दिया है। जिस इलाके में बाघिन अपने चार शावकों में नजर आई वहां मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। सवाईमाधोपुर के मुख्य वन संरक्षक टी.सी.वर्मा ने बताया कि रणथंभौर के कुंडेरा लक्कडदा क्षेत्र में स्थित आडी डगर नाले के पास बाघिन चार नवजात शावकों के साथ नजर आई।

बाघिन कई दिनों से कैमरा ट्रैप में नहीं हो रही थी। चारों शावकों की उम्र करीब दो माह बताई जा रही है। रणथंभौर बाघ परियोजना क्षेत्र के वन अधिकारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि इनकी मॉनिटरिंग के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए जा रहे हैं।

जंगल में पहले से भी कैमरे लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बाघिन टी-111 के व्यवहार और शारीरिक संरचना से लग रहा था कि उसने शावकों को जन्म दिया है। चार नए शावक आने के बाद अब रणथंभौर में कुल 69 बाघ हो गए। इनमें 21 नर व 30 मादा हैं। इनके साथ ही 18 शावक हैं। इसके अतिरिक्त रणंभौर बााघ परियोजना क्षेत्र में आने वाले कैलादेवी के जंगल में 1 नर बाघ व 1 मादा बाघिन के साथ ही दो शावक हैं। धौलपुर में भी 1 नर,1 मादा और 2 शावक हैं। 

सवाईमाधोपुर में पैंथर के हमले से दो महिलाओं की मौत

राजस्थान में सवाईमाधोपुर जिले के गुड़ला गांव में शनिवार को तीन पैंथरों ने दो महिलाओं पर हमला कर दिया। दोनों महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई। ये महिलाएं प्रतिदिन की तरह शनिवार को भी बकरियां चराने जंगल में गई थीं। दोनों महिलाएं शांति देवी और रजंति देवी बकरियों को बनास नदी के किनारे चरा रही थीं।

इसी बीच, जंगल से छिपकर बैठे तीन पैंथरों ने अचानक दोनों महिलाओं पर हमला कर दिया। इनमें शांति देवी की बांईं आंख व गर्दन पर पैंथर के पंजे गहरे घाव थे। वहीं, रजंति देवी की गर्दन पैंथर के पंजे के वार से टूट गई। इस तरह दोनों की मौत हो गई। आवाज सुनकर गांव के लोग हाथाें ले लाठियां लेकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक पैंथर जंगल की तरफ निकल गए थे

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