कुंभलगढ़ में टाइगर रिजर्व बनने की आस बरकरार, वन विभाग ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी
वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण ने कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में टाइगर रिजर्व की संभावनाओं को लेकर एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। उदयपुर संभाग के कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने की संभावना बरकरार है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। उदयपुर संभाग के कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने की संभावना बरकरार है। वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण ने कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में टाइगर रिजर्व की संभावनाओं को लेकर एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है।
भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण की वन उप महानिरीक्षक डॉ. सोनाली घोष के आदेश पर चार सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी उक्त काम करेगी। जिसमें रिटायर्ड आईएफएस आरएन मेहरोत्रा, रिटायर्ड आईएफएस एनके वासु, भारतीय वन्यजीव संस्थान में टाइगर सेल में कार्यरत वैज्ञानिक डॉ. कौशिक बनर्जी के साथ राष्ट्रीय व्याघ्र प्राधिकरण के क्षेत्रीय कार्यालय नागपुर के सहायक वन महानिरीक्षक हेमंत कामडी को नियुक्त किया है, जो समन्वयक सदस्य के रूप मेें काम देखेंगे।
यह कमेटी कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में वर्तमान मानवीय बस्तियों की स्थिति, टाइगर के अनुकूल पर्यावास, बाउंड्री, लेंडस्केप कनेक्टिविटी, अतिक्रमण की स्थिति इत्यादि समस्त बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। विभागीय आदेश में उल्लेख किया गया है कि राजसमंद से लोकसभा सांसद दीया कुमारी के भेजे गए अर्ध शासकीय पत्र के बाद यह निर्णय लिया गया।
इधर, कुंभलगढ़ अभयारण्य को रिजर्व घोषित करने की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक्सपर्ट्स की समिति गठित करने के निर्णय पर उदयपुर के रिटायर्ड सीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) राहुल भटनागर एवं वन्यजीव प्रेमी तथागत शर्मा ने खुशी जताई है और कहा कि इससे कई वर्षों से इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और पर्यावरणप्रेमियों द्वारा उठाई जा रही मांग को बल प्राप्त होगा।