Rajasthan: आकाशीय बिजली से सुरक्षित हुआ चित्तौड़ दुर्ग का कीर्ति स्तम्भ, लगाए दो तड़ित चालक

चित्तौड़ दुर्ग के कीर्ति स्तम्भ अब आकाशीय बिजली के प्रकोप से सुरक्षित हो गया है। उस पर एक नहीं बल्कि दो-दो तड़ित चालक लगा दिए गए हैं। अब दावा किया जा रहा है कि यदि आकाशीय बिजली गिरी तो कीर्ति स्तम्भ की बजाय दूसरी पहाड़ी पर गिरेगी।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 12:05 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 12:05 PM (IST)
Rajasthan: आकाशीय बिजली से सुरक्षित हुआ चित्तौड़ दुर्ग का कीर्ति स्तम्भ, लगाए दो तड़ित चालक
कीर्ति स्तम्भ पर तड़ित चालक लगाने की प्रक्रिया।

उदयपुर, संवाद सूत्र। विश्व विरासत में शुमार चित्तौड़ दुर्ग के कीर्ति स्तम्भ अब आकाशीय बिजली के प्रकोप से सुरक्षित हो गया है। उस पर एक नहीं, बल्कि दो-दो तड़ित चालक लगा दिए गए हैं। अब दावा किया जा रहा है कि यदि आकाशीय बिजली गिरी तो कीर्ति स्तम्भ की बजाय दूसरी पहाड़ी पर गिरेगी। एंटीना बादल को जीरो डिग्री पर डिस्चार्ज कर देंगे।

एक सप्ताह के दौरान दो बार आकाशीय बिजली गिरने से तेरहवीं सदी के कीर्ति स्तम्भ के संरक्षण को लेकर चिंता गहरा गई थी। इसकी सुरक्षा को लेकर चिंतिंत जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के प्रयासों के बाद वेदान्ता समूह के हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने कीर्ति स्तम्भ पर तड़ित चालक लगवाने में मदद की। हिन्दुस्तान जिंक के विशेषज्ञों ने पहले यहां का दौरा किया और रविवार से तड़ित चालक लगाए जाने के लिए काम शुरू कर दिया था। किन्तु कीर्ति स्तम्भ तक पहुंचने के लिए आवश्यक क्रेन को वहां तक पहुंचाने में रविवार पूरा दिन लग गया। विशाल क्रेन पहुंचाने के लिए दुर्ग को कुछ घंटों के लिए बंद रखा गया था। सोमवार को पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षण सहायक आरएल जितरवाल की मौजूदगी में तड़ित चालक लगवाने का काम शुरू हुआ।

लिखित आदेश के चलते करना पड़ा इंतजार

हिन्दुस्तान जिंक के विशेषज्ञों की टीम कीर्ति स्तम्भ पर तड़ित चालक लगाने पहुंच गए लेकिन पुरातत्व अधिकारी ने उन्हें रोक दिया। उनका कहना था कि जब तक विभाग से अनुमति नहीं मिले, वह काम शुरू करने नहीं देंगे। इसके बाद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने पुरातत्व विभाग के दिल्ली स्थित मुख्यालय से मौखित अनुमति ले ली लेकिन इसके बावजूद स्थानीय अधिकारी सहमत नहीं हुए। उन्होंने बिना लिखित अनुमति के काम करने से रोक दिया। बाद में जिला कलेक्टर दफ्तर पहुंचे तथा वहां से ई-मेल के जरिए पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को कीर्ति स्तम्भ पर तड़ित चालक लगवाने की अनुमति संबंधी पत्र भेजने का आग्रह किया।

सोमवार दोपहर बाद लिखित अनुमति मिली और काम शुरू किया गया। हिन्दुस्तान जिंक के एसोसिएट मैनेजर अजीत सिंह शेखावत के निर्देशन में विशेषज्ञ टीम ने तड़ित चालक लगवाने का काम शुरू किया। बताया गया कि कीर्ति स्तम्भ के उपर पूर्व में लगा एंटीना भी सही था लेकिन अतिरिक्त सुरक्षा के चलते दूसरा नया एंटीना भी लगा दिया गया। अब ये कीर्तिस्तंभ के जोन में 35 डिग्री एंगल में आकाशीय बिजली को ग्राउंड में डिस्चार्ज कर देंगे। इससे धरोहर को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।

विजय स्तम्भ के तड़ित चालक को भी जांचेंगे

हिन्दुस्तान जिंक की विशेषज्ञ टीम ने कहा कि वह दुर्ग के अंदर विजय स्तम्भ तथा मीरां मंदिर पर लगे तड़ित चालकों की जांच करएंगे। पिछले महीने आए टोक्टो तूफान के चलते विजय स्तम्भ पर लगा तड़ित चालक एक ओर झुक गया था। विशेषज्ञ टीम मीरां मंदिर के अलावा कुंभ श्याम मंदिर पर लगे तड़ित चालक की जांच करेगी।

कीर्ति स्तम्भ पर एक सप्ताह में दो बार गिरी थी आकाशीय बिजली चित्तौड़ दुर्ग के कीर्ति स्तम्भ पर पिछले सप्ताह तीन दिन के अंतराल में दो बार आकाशीय बिजली गिरी थी। जिससे पंद्रह मीटर उंचाई पर लगा चालीस किलो का एक पत्थर, जिस पर जिन प्रतिमा टिकी थी वह गिर गया। इस घटना के तीसरे दिन एक बार फिर बिजली गिरी और उसके झरोखे को नुकसान पहुंचा। इन घटनाओं के बाद भारतीय पुरातत्व एवं संरक्षण विभाग के अधीक्षक विनय नेगी ने भी चित्तौड़गढ़ का दौरा किया था।

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