Corona Vaccine: पहले भ्रम ने कर दिया भयभीत, अब सौ फीसद लोगों ने लगवा ली वैक्सीन

Corona Vaccine उदयपुर संभाग के आदिवासी इलाकों में अब भी लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर अफवाह है लेकिन आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की एक ग्राम पंचायत ऐसी भी है जहां के सौ फीसद लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 03:07 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 03:07 PM (IST)
Corona Vaccine: पहले भ्रम ने कर दिया भयभीत, अब सौ फीसद लोगों ने लगवा ली वैक्सीन
पहले भ्रम ने कर दिया भयभीत, अब सौ फीसद लोगों ने लगवा ली वैक्सीन। फाइल फोटो

उदयपुर, सुभाष शर्मा। राजस्थान देश के उन प्रदेशों में शामिल हो गया है, जहां तीन करोड़ लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं लेकिन अभी भी तीन करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जाना बाकी है। उदयपुर संभाग के आदिवासी इलाकों में अब भी लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर अफवाह है लेकिन आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले की एक ग्राम पंचायत ऐसी भी है, जहां के सौ फीसद लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। भीलूड़ा की कुल जनसंख्या 6599 है और यहां के 5451 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। बाकी 1144 लोगों में बच्चे (18 साल से कम उम्र के) तथा बाहर रहने वाले 62 लोग शामिल हैं। ग्रामीणों को वैक्सीने लगवाने के लिए प्रेरित किया। इस तरह भीलूड़ा पंचायत सौ फीसद वैक्सीनेशन कराने वाली पंचायत बन चुकी है।

आदिवासी लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर जारी अफवाह के दौरान इस पंचायत के लोगों की पहल दूसरे गांव के लोग नजीर बन चुकी है और आसपास के गांव के नब्बे फीसद से अधिक लोग वैक्सीनेशन करा चुके हैं। बताया गया कि सागवाडा तहसील के भीलूड़ा पंचायत के ज्यादातर लोग अल्प शिक्षित हैं और वह गुजरात और महाराष्ट्र में चाय बेचने का काम करते हैं। आदिवासी समाज के चाय बेचने वाले इस गांव के लोग अन्य शिक्षित और नौकरीपेशा लोगों की बजाय ज्यादा समझदार पाए गए हैं। बताया गया कि भीलूड़ा के लोगों ने जहां सौ फीसद लोग वैकसीनेशन करवा चुके हैं, वहीं नजदीकी जेठासा, सेलाता के 97 फीसद ग्रामीण भी वैक्सीन लगवा चुके हैं। ऐसे ही ओजेरी, दिवड़ाबड़ा, फलातेड़ और सेमलियाबड़ा गांव में सौ फीसद वैक्सीन की ओर अग्रसर हैं।

इस मामले में डूंगरपुर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश शर्मा का कहना है कि शुरुआत में गांव के लोग वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की अफवाहों से भ्रमित थे। रोल मॉडलों से इनके भ्रम को दूर किया और सभी को वैक्सीनेशन सेंटर पर लाने में कामयाब रहे। चिकित्साकर्मियों की सकारात्मक भूमिका का यह सुखद परिणाम है। अब यहां के लोग कोरोना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर में इस क्षेत्र के 214 लोग संक्रमित हो गए थे और उनमें से छह की मौत हो गई थी।  

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