राजस्थान के आदिवासी इलाकों में नक्सली विचारधारा से जुड़े युवाओं की सक्रियता ने राज्य सरकार की बढ़ाई चिंता

झारखंड व छत्तीसगढ़ से आए लोग राजस्थान के आदिवासी इलाकों में सक्रिय। नक्सली गतिविधियों की सूचना के चलते गहलोत सरकार सक्रिय। डूंगरपुर जिला कलेक्टर का कहना है कि झारखंड व छत्तीसगढ़ से आए एक विचारधारा विशेष के लोगों ने स्थानीय युवाओं को भड़काया है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:27 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:27 AM (IST)
राजस्थान के आदिवासी इलाकों में नक्सली विचारधारा से जुड़े युवाओं की सक्रियता ने राज्य सरकार की बढ़ाई चिंता
राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान के आदिवासी इलाकों में नक्सली विचारधारा से जुड़े युवाओं की सक्रियता ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जिलों के आदिवासी युवाओं को नक्सली विचारधारा से जोड़ने को लेकर सुनियोजित तौर पर काम किया जा रहा है। झारखंड और छत्तीसगढ़ से आए लोगों ने प्रदेश के आदिवासी जिलों के युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम शुरू किया है।

खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के बाद सक्रिय हुई सरकार ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, सामाजिक नेताओं व धर्मगुरूओं के माध्यम से नक्सली गतिविधियों को शुरूआती दौर में ही रोकने को लेकर कसरत शुरू की है। पिछले चार दिन से डूंगरपुर और उदयपुर जिलों में जिस तरह से आदिवासी युवाओं ने उपद्रव किया। उसके पीछे नक्सली गतिविधियों से जुड़े लोगों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

डूंगरपुर जिला कलेक्टर कान्हाराम का कहना है कि झारखंड व छत्तीसगढ़ से आए एक विचारधारा विशेष के लोगों ने स्थानीय युवाओं को भड़काया है। युवाओं को भड़काने के बाद इनमें से कुछ लोग वापस चले गए और कुछ गांवों में छिपे हैं।

जानकारी के अनुसार गांवों में छिपे लोग झारखंड व छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं। इनकी तलाश को लेकर पुलिस ने अभियान शुरू किया है। हालांकि स्थानीय आदिवासियों ने इन्हे संरक्षण दे रखा है। सूत्रों के अनुसार वैसे तो काफी समय से नक्सली विचाराधारा के लोग प्रदेश के आदिवासियों के बीच आते रहे हैं। लेकिन पिछले दो-तीन माह में इनकी सक्रियता बढ़ी है। ये लोग युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ने में जुटे हैं। ये लोग संविधान की 5वीं अनुसूची के मुताबिक अधिकार देने, आदिवासी क्षेत्र में वन अधिकार मान्यता कानून लागू करने और टीएसपी एरिया की सरकारी नौकरियों में शतप्रतिशत आदिवासी युवाओं की भर्ती तय करने को लेकर ग्रामीण इलाकों में छोटी-छोटी बैठक कर रहे हैं।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि आदिवासी युवाओं को भड़काने वाले लोगों ने जिस तरह से भाषण दिए उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्हे तलाश कर गिरफ्तारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चार दिन तक हुए उपद्रव के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने के साथ ही अन्य राज्यों से आने वालों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू होनी चाहिए। कटारिया ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि अन्य राज्यों से आने वाले लोग एक विशेष विचारधारा से जुड़े हैं। 

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