Bhanwari Devi Case: भंवरी देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिदिन सुनवाई कर रिपोर्ट देने का दिया आदेश
Bhanwari Devi Case भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले से जुड़े एक आरोपित परसराम विश्नोई की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Bhanwari Devi Case: भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। इसके बाद अब इस मामले में जल्दी सुनवाई के साथ-साथ मुकदमे में शीघ्र फैसले की आस जगी है। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल कोर्ट को रोजाना सुनवाई कर 12 अप्रैल तक सभी मुस्लिमों के बयान पूरे कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, भंवरी देवी अपहरण व हत्या मामले से जुड़े एक आरोपित परसराम विश्नोई की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल व जस्टिस हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं। जोधपुर जिले के बोरुंदा गांव की एएनएम भवरी देवी से जुड़ा मामला 2011-2012 से विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर के विशिष्ठ न्यायालय अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण को यह आदेश दिए, जिसमें मामले की प्रतिदिन सुनवाई करने के साथ ही रिपोर्ट पेश करने की बात कही गई है। मामले में तत्कालीन गहलोत सरकार के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा सहित पूर्व में जोधपुर के लूणी से विधायक मलखान बिश्नोई समेत 17 लोग आरोपित हैं, जो कि जेल में हैं। जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितंबर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है। साथ ही, उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो तीन लोगों पर शक जाहिर किया था। इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। पड़ताल में अमरचंद के भी मामले में शामिल होने की बात पता चलने पर उसे भी गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआइ की पड़ताल में अभी तक ये हुआ
सीबीआइ का दावा है कि भंवरी देवी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई। बाद में शव को जला कर उसकी राख को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया। एएनएम भंवरी देवी एक सितंबर, 2011 को लापता हो गई थी। राज्य सरकार ने विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ ने इस मामले में तीन अलग-अलग आरोप पत्र वर्ष 2012 में पेश किए। सीबीआइ ने तीन दिसंबर, 2011 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया। उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं। इस मामले में कुल 17 लोग जेल में हैं। इस मामले में सीबीआइ की तरफ से कुल 197 गवाह पेश किए गए। इन सभी के बयान पूरे हो चुके है। मामले में 17 मुल्जिमों से प्रत्येक मुल्जिम से कोर्ट ने 1044 प्रश्न पूछने तय किए है। सवालों की लंबी सूची होने के कारण अब तक सिर्फ तीन मुल्जिमों के ही बयान हो पाए है। चौथे के बयान चल रहे है। मामला जोधपुर की एससीएसटी कोर्ट में विचाराधीन है।